सहारनपुर. रीढ़ की हड्डी से संबंधित बीमारियों व विकारों से पीड़ित बहुत से मरीज जानकारी के अभाव सही इलाज नहीं करा पाते हें कई दफा मिथिकों और भ्रांतियों से ग्रसित होकर लंबे समय तक दर्द और तकलीफ झेलजे हैं और इलाज नहीं करा पाते हैं. इसी को लेकर सहारनपुर के मेडीग्राम हॉस्पिटल में ‘स्पाइनोथॉन’ का आयोजन किया गया. न्यूरो सर्जन डॉ. रवि ठक्कर ने उन लोगों को बुलाया था, जिनका रीढ़ की हड्डी ऑपरेशन हो चुका है. उन्होंने लोगों में फैल रहे रीढ़ की हड्डी के दर्द में ऑपरेशन कराने की भ्रांतियां को भी दूर किया.
सहारनपुर में ही हो जाएगा रीढ़ की हड्डी का इलाज
न्यूरो सर्जन डॉ. रवि ठक्कर ने बताया कि सहारनपुर के लोगों को रीढ़ की हड्डी के दर्द को मिटाने के लिए अब बाहर जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब इसका इलाज यहीं मेडीग्राम हॉस्पिटल में उपलब्ध है. रीढ़ की हड्डी के दर्द में होने से लोग दिल्ली, चंडीगढ़, जॉली ग्रांट तक जाते है. जबकि उनकी बीमारी या विकार का इलाज़ उनकी पहुंच में ही उपलब्ध होता है. ऐसे मरीजों के लिए जागरुकता और इलाज से इस दर्द को जड़ से खत्म करने के लिए सहारनपुर के मेडिग्राम हॉस्पिटल ने अनुठी पहल की. रीढ़ की हड्डी का इलाज करवा कर बीमारी से मुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रहे लोगों के लिए विशिष्ट मैराथन स्पाइनोथॉन’ का भी आयोजन किया गया.
भ्रम को दूर करने के लिए स्पाइनोथॉन का हुआ आयोजन
न्यूरो सर्जन डॉ. रवि ठक्कर ने लोकल 18 को बताया कि 2016 से सहारनपुर में रहकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. लोग रीढ़ की हड्डी में होने वाले दर्द को हल्के में लेते हैं. साथ ही मन में इस भ्रम को पाल लेते हैं कि ऑपरेशन के बाद नहीं चल पाएंगे. इसी भ्रम को खत्म करने के लिए विशिष्ट मैराथन का आयोजन कराया गया. जिसको ‘स्पाइनोथॉन’ का नाम दिया है. जिन मरीजों का इलाज किया गया है, उन मरीजों ने विशिष्ट मैराथन के दौरान चलकर दिखाया और लोगों को यह संदेश दिया कि रीढ़ की हड्डी का इलाज संभव है और ऑपरेशन कराने से सभी लोग ठीक हो सकते हैं.
रीढ़ की हड्डी का ध्यान रखना है बेहद जरूरी
न्यूरो सर्जन डॉ. रवि ठक्कर ने लोकल 18 को बताया कि रीढ़ की हड्डी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है. इस पर लोग ध्यान नहीं देते हैं और इससे संबंधित एक्सरसाइज भी नहीं करते हैं. उम्र बढ़ने के साथ कुछ गलतियों के कारण स्पाइन डिजनरेट होती है और उसका कर्व खत्म होते-होते हड्डी बढ़ना शुरू हो जाता है. उसके कारण नस दबती है और कमर, गर्दन, पैरों और हाथों में दर्द होने लगता है. इसके लक्षण कमर दर्द, गर्दन दर्द, शरीर में अकराहट, पैर में दर्द, पैर में सूनापन, शरीर के अंगों में झनझनाहट होना, हाथ पैरों में सूनापन, शरीर में कमजोरी आना यह सब लक्षण होते है. लेकिन, इसकी शुरुआत दर्द से होती है.
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 16:37 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें