अभी तक डिजिटल अरेस्ट के मामलों में देखा गया था कि कई-कई दिनों तक साइबर अपराधियों के चंगुल में ऑनलाइन फंसे रहने पर लोग अपने लाखों रुपये उड़वा बैठे या पूरे के पूरे अकाउंट ही खाली हो गए लेकिन उत्तर प्रदेश के आगरा से हाल ही में डिजिटल अरेस्ट का ऐसा भयावह मामला सामने आया था जिसने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए. साइबर अपराधियों ने एक शिक्षिका के मोबाइल फोन पर वॉट्सऐप कॉल कर बेटी के सेक्स रैकेट में फंसे होने की जानकारी दी. सिर्फ इतना ही नहीं उसकी बेटी को छुड़वाने के एवज में कॉलर ने एक लाख रुपये की डिमांड भी कर डाली. इस कॉल से शिक्षिका को ऐसा सदमा लगा कि उसे हार्ट अटैक आ गया और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो गई….
दिल्ली पुलिस के साइबर एक्सपर्ट किसलय चौधरी कहते हैं कि पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि साइबर क्राइम के लिए अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का तरीका अपनाना शुरू कर दिया है. ये लोग व्हाट्सएप पर ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं, अक्सर ये पुलिस वाले, सीबीआई, सीआईडी, बैंक वाले या ऐसे ही कुछ नकली प्रोफाइल बनाकर कॉल करते हैं और एक ऐसा माहौल तैयार कर देते हैं कि सामने वाला पूरी तरह उनकी गिरफ्त में आ जाता है और वही करता जाता है जो वे कराते हैं.
ये भी पढ़ें
मोबाइल फोन की लत में फंस गया है बच्चा? डॉ. ने बताए 5 आसान टिप्स, खुशी-खुशी खुद छोड़ देगा देखना
ये साइबर अपराधी वीडियो कॉल्स पर डिजिटल अरेस्ट कि व्यक्ति को डराते-धमकाते और गंदी-गंदी गालियां तक देते हैं. ये बच्चों, सगे संबंधियों और व्यक्ति को खुद केस में फंसने आदि की धमकी देते हैं. ऐसे में कई बार व्यक्ति डर के मारे इन्हें अपना आधार नंबर, अकाउंट डिटेल्स, ओटीपी, ईमेल पासवर्ड्स तक दे देता है और अकाउंट खाली करवा बैठता है. कई बार खुद ही पैसे ट्रांसफर भी कर देता है. इस समय यह सबसे कॉमन फ्रॉड हो गया है. साइबर क्राइम करने वाले ये लोग भारत से भी हैं और बाहर के देशों से भी हैं. ये तुक्का लगाते हैं और बहुत सारे लोग इस हनी ट्रैप स्कैम में आसानी से फंस जाते हैं.
जान लें ये जरूरी बातें..
किसलय चौधरी बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उन सभी में ये कॉमन है कि ये कॉल्स अनजान नंबरों से या व्हाट्सएप पर आती हैं. आपको फोन कर अगर कोई कह रहा है कि वह पुलिस थाने से बोल रहा है, फलां बात है तो हमेशा याद रखें कि कभी भी पुलिस अगर फोन करती है तो सीयूजी नंबर या लैंडलाइन नंबर से सामान्य कॉल करती है. पुलिस कभी व्हाट्सएप कॉल नहीं करती.
बचना है तो न करें ये काम
. जब भी व्हाट्सएप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर अनजान नंबर या प्रोफाइल से कॉल आए तो न उठाएं.
. अगर पुलिस की फोटो लगे नंबर से कॉल आ रहा है, तब तो बिल्कुल भी कॉल रिसीव न करें.
. अगर फोन उठा भी लिया है तो घबराएं नहीं और अपने बारे में या बच्चों को लेकर कोई भी जानकारी शेयर न करें. फोन को तुरंत काटें.
. अगर फिर से फोन आ रहा है तो उसे उठाने के बजाय इसकी जानकारी पुलिस या संबंधी को दें.
. इस नंबर की एफआईआर भले न करें लेकिन पुलिस में शिकायत जरूर करें.
लोग नहीं करते शिकायत, ये सबसे बड़ी कमी
किसलय कहते हैं कि इस तरह की व्हाट्सएप कॉल्स को लेकर एक ट्रेंड देखने को मिला है कि इनकी संख्या ज्यादा है जबकि पुलिस में शिकायतें बहुत कम हो रही हैं. लोग या तो नंबर को ब्लॉक कर देते हैं, या उसे ऐसे ही छोड़ देते हैं, या डिलीट कर देते हैं. यह समाधान नहीं है. आपको उस नंबर की डिटेल पुलिस को जरूर देनी चाहिए क्योंकि शिकायत के बाद यह नंबर साइबर सेल में रजिस्टर हो जाता है और अगर इससे कॉल्स होते हैं तो पुलिस उसको रिकॉर्ड भी करती है और अपराधी को पकड़ती भी है. इसलिए पुलिस में शिकायत जरूर करें.
पुलिस स्टेशन नहीं जाना तो करें ये काम
अगर आप शिकायत के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन में नहीं जा पा रहे हैं तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. या फिर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी अपनी शिकायत रजिस्टर कर सकते हैं. यहां भी पूरी सक्रियता के साथ आपकी शिकायत पर कार्रवाई होती है.
Tags: Cyber Crime, Cyber Crime News, Cyber Fraud, Cyber police, Delhi cyber fraud
FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 16:54 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें