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5 प्रभावशाली मंत्र, जिसके जाप से घर में आएगी खुशहाली, सभी संकट होंगे दूर!

Mantra Chanting : मंत्र’ का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना. यदि अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है. आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं.इन मंत्रों के जप या स्मरण के वक्त सामान्य पवित्रता का ध्यान रखें. जैसे घर में हो तो देवस्थान में बैठकर, कार्यालय में हो तो पैरों से जूते-चप्पल उतारकर इन मंत्र और देवताओं का ध्यान करें. इससे आप मानसिक बल पाएंगे, जो आपकी ऊर्जा को जरूर बढ़ाने वाले साबित होंगे और आपकी सभी प्रकार की समस्याओं का अंत होगा. आइये इन 5 मंत्रों के बारे में जानते हैं विस्तार से .

पहला मंत्र
क्लेशनाशक मंत्र : कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने. प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:

मंत्र प्रभाव : इस मंत्र का नित्य जप करने से कलह और क्लेशों का अंत होकर परिवार में खुशियां वापस लौट आती हैं.

यह भी पढ़ें : भगवान विष्णु ने किए शिव जी की पत्नि देवी सती के शरीर के खंड-खंड, तब दुनिया में स्थापित हुए 51 शक्तिपीठ, जानिए रोचक कथा

दूसरा मंत्र
संकटमोचन मंत्र : ॐ हं हनुमते नम:

मंत्र प्रभाव : यदि दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर या आशंका है तो निरंतर प्रतिदिन इस मंत्र का जप करें और फिर निश्चिंत हो जाएं. किसी भी कार्य की सफलता और विजयी होने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए. यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है. हनुमानजी को सिंदूर, गुड़-चना चढ़ाकर इस मंत्र का नित्य स्मरण या जप सफलता व यश देने वाला माना गया है. यदि मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा है, तो इस मंत्र का तुरंत ही जप करना चाहिए.

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तीसरा मंत्र
शांति, सुख और समृद्धि हेतु : भगवान विष्णु के वैसे तो बहुत मंत्र हैं, लेकिन यहां कुछ प्रमुख प्रस्तुत हैं.

1. ॐ नमो नारायण. या श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि.

2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर. भूरि घेदिन्द्र दित्ससि
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्. आ नो भजस्व राधसि

3. ॐ नारायणाय विद्महे. वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्.

4. शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्.
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्..
लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्.
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्.

मंत्र प्रभाव : भगवान विष्णु को जगतपालक माना जाता है. वे ही हम सभी के पालनहार हैं, इसलिए पीले फूल व पीला वस्त्र चढ़ाकर उक्त किसी एक मंत्र से उनका स्मरण करते रहेंगे, तो जीवन में सकारात्मक विचारों और घटनाओं का विकास होकर जीवन खुशहाल बन जाएगा. विष्णु और लक्ष्मी की पूजा एवं प्रार्थना करते रहने से सुख और समृद्धि का विकास होता है.

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चौथा मंत्र
मृत्यु पर विजय के लिए महामृंत्युजय मंत्र :
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंपुष्टिवर्द्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्..

मंत्र प्रभाव : शिव का महामृंत्युजय मंत्र मृत्यु व काल को टालने वाला माना जाता है, इसलिए शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र हर रोज बोलना संकटमोचक होता है. यदि आपके घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती है या बहुत ज्यादा बीमार है तो नियमपूर्वक इस मंत्र का सहारा लें. बस शर्त यह है कि इसे जपने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना जरूरी है अन्यथा यह मंत्र अपना असर छोड़ देता है.

पांचवां मंत्र
अचानक आए संकट से मुक्ति हेतु : कालिका का यह अचूक मंत्र है. इसे माता जल्द से सुन लेती हैं, लेकिन आपको इसके लिए सावधान रहने की जरूरत है. आजमाने के लिए मंत्र का इस्तेमाल न करें. यदि आप काली के भक्त हैं तो ही करें.

1 : ॐ कालिके नम:.
2 : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा.

मंत्र प्रभाव: इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है. इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है. माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं. 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Gayatri mantra

FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 14:47 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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