आगरा: अगर आप अपने बच्चों को भैंस का दूध पिला रहे हैं, तो एक बार सावधान हो जाइए. हो सकता है कि आपके बच्चों को दूध के रूप में धीरे-धीरे ज़हर दिया जा रहा हो. यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसे नजरअंदाज करना आपके बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. दरअसल, कुछ लोग भैंस को बीयर की फैक्ट्री से निकले कुटा (डस्ट) नामक पदार्थ खिला रहे हैं, जिससे भैंस अधिक दूध देती है, लेकिन इसका परिणाम गंभीर हो सकता है.
देश भर में कई बीयर फैक्ट्रियां हैं, जहां से निकलने वाला डस्ट (कुटा) अब पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. यह खलचूनी से सस्ते दाम पर मिल जाता है, जिससे भैंस पालने वाले लोग इसे धड़ल्ले से खरीद रहे हैं. इसे खाने के बाद भैंस अधिक दूध तो देती है, लेकिन उसकी आयु कम हो जाती है. जिन भैंसों की उम्र 10 साल होनी चाहिए, वे 5 साल में ही मर जाती हैं.
डस्ट को बाजार में बेच रहे
सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार, बीयर फैक्ट्री नाले के किनारे लगाई जाती हैं ताकि डस्ट को नाले में बहाया जा सके. लेकिन लालची माफिया इस डस्ट को बाजार में बेच रहे हैं, जो कि चारे से काफी सस्ता होता है और पशुपालक इसका जमकर उपयोग कर रहे हैं.
पशु चिकित्सक की राय
पशु चिकित्सक डॉ. पुनीत गुप्ता बताते हैं कि कुछ पैसे की लालच में पशुपालक भैंसों को यह डस्ट खिला रहे हैं. इसका सीधा असर पशुओं की उम्र पर पड़ता है, जिससे उनकी आयु कम हो जाती है. हालांकि, इस डस्ट से भैंस अधिक दूध देती है, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
बच्चों के लिए खतरा
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप बंसल ने चेतावनी दी है कि इस तरह का दूध बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. यह दूध एक तरह से धीरे-धीरे ज़हर का काम करता है, जिससे बच्चों में गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. उन्होंने सलाह दी है कि लोग जहां से भी दूध लें, उसकी अच्छी तरह से जांच-परख करें.
क्या कहते हैं पशुपालक
रूप किशोर, एक स्थानीय पशुपालक, बताते हैं कि वे लंबे समय से अपने पशुओं को यह डस्ट खिला रहे हैं क्योंकि यह सस्ता मिलता है. दलिया, जो ₹30 प्रति किलो मिलता है, उसकी तुलना में यह डस्ट ₹30 में 5 किलो मिल जाता है. इसके अलावा, इसे खिलाने से भैंस अधिक दूध देती है, इसलिए ज्यादातर पशुपालक इसका उपयोग कर रहे हैं.
Tags: Health, Local18
FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 16:55 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें