बलिया. बरसात के मौसम में वैसे भी कई रोगों को प्रकोप बढ़ जाता है. वहीं कभी धूप, कभी छांव तो कभी बारिश अनेक रोगों को जन्मदाता है. खास तौर पर इस मौसम में जलजमाव और गंदगी से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ जाता है. ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान जाता है. सुकर के जरिए भी संचारी रोग काफी से फैलता है. इस खबर के माध्यम से उन तथ्यों के बारे में जानेंगे, जो सुकर पालन से जुड़ा हुआ है.
सुकर की वजह से भी फैलता है संचारी रोग
बलिया के उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एसडी द्विवेदी ने लोकल 18 को बताया कि संचारी रोग अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जाता है. इसके अंतर्गत पशुपालन विभाग उन महत्वपूर्ण तथ्यों पर फोकस करता है, जो सीधा मानव जीवन के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है. खास तौर से बलिया नगर के वार्ड नंबर 1 और 2 में सुकर पालन किया जा रहा है. सुकर पालन करने वालों के लिए कुछ विशेष जानकारी सीधे मानव जीवन से जुड़ी होती है. उन्होंने बताया कि यदि सुकर को कोई मच्छर काट लिया और वही मच्छर मनुष्य को काट ले तो सुकर प्रभावित नहीं होगा. लेकिन, मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. सबसे बेहतर उपाय यह होता है कि सुकर पालन आबादी से दूर करें, ताकि गंभीर रोगों पर नियंत्रण पाया जा सके.
सुकर पालकों को अपनाना चाहिए ये तरीका
बरसात के समय में संचारी रोग से जुड़े गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए सुकर पलकों को चाहिए कि साफ-सफाई, जल जमाव, खानपान, रहन-सहन, मच्छरदानी का प्रयोग और समय-समय पर चुने का छिड़काव इत्यादि पर विशेष ध्यान दें. जल जमाव के कारण मक्खी मच्छर पैदा होते हैं, जिससे यह रोग तेजी से फैलता है. विभाग भी अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है. अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस विधि को अपनाकर ना केवल पशुपालक अपने पशुओं की सुरक्षा कर पाएंगे बल्कि आस-पास रहने वाले आबादी भी बीमारियों से कोसों दूर रहेगी.
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 13:18 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें