आदित्य आनंद/गोड्डा: महिलाओं के जीवन में 40 से 50 वर्ष की उम्र के दौरान मेनोपॉज एक सामान्य प्रक्रिया होती है, जिसमें पीरियड्स स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं. हालांकि, इस समय कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं. गोड्डा की स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सुरभी ने लोकल 18 को बताया कि यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर में हो रहे प्राकृतिक परिवर्तन का हिस्सा है.
मेनोपॉज के लक्षण
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
अनियमित पीरियड्स
गर्मी लगना (हॉट फ्लैशेस)
रात में पसीना आना
मूड स्विंग्स
थकान
अनिद्रा
जोड़ों में दर्द
हालांकि, यह लक्षण सामान्य हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ घरेलू और होम्योपैथिक उपाय इन लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.
घरेलू उपचार
अश्वगंधा: यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है. इसके नियमित सेवन से तनाव और थकान को कम किया जा सकता है.
मेथी के दाने: मेथी के दानों को रात में भिगोकर सुबह खाली पेट लेने से हार्मोनल बदलावों को नियंत्रित किया जा सकता है.
सौंफ का पानी: सौंफ को पानी में उबालकर पीने से गर्मी लगने और हॉट फ्लैशेस की समस्या में राहत मिलती है.
होम्योपैथिक उपचार
मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों से निपटने के लिए होम्योपैथिक में भी कई प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं. यह उपचार उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है जो थकान, चिड़चिड़ापन और मानसिक असंतुलन का सामना कर रही हैं. हालांकि, इसके लिए किसी विशेषज्ञ होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है.
डॉ. सुरभी ने बताया कि मेनोपॉज एक सामान्य प्रक्रिया है, इसलिए घबराने के बजाय इन आसान उपायों को अपनाकर इस अवस्था को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 13:57 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.