33 C
Mumbai
October 6, 2024
Nyaaya News
Filter by Categories
Astro
Business
Crime
Earn Money
Editor's Picks
Education and Career
Entrainment
Epaper
Fashion
Fitness
Football
India
International
Life Style
Politics
Sport
Stars
Tech
Travel
Uncategorized
Viral
Image default
Astro

घर में हुआ है कोई मांगलिक कार्य, तो पितरों को तर्पण दें या नहीं? जानें

आज 18 सितंबर बुधवार से पितृ पक्ष का प्रारंभ हुआ है. पितृ पक्ष के दिनों में पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि करने का विधान है. लोग अपने पितरों को उनकी ति​थि पर तर्पण करते हैं. उनको तृप्त कर आशीर्वाद लेते हैं. लेकिन जिन लोगों के घरों में इस साल विवाह, मुंडन, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य हुए हैं, क्या उन लोगों को पितृ पक्ष में पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए या नहीं? क्योंकि आम जनमानस में यह बात देखने को मिलती है कि जिस वर्ष कोई मांगलिक कार्य होता है तो पितृ पक्ष में तर्पण, श्राद्ध आदि नहीं करते हैं. अब सही क्या है और गलत क्या है, इसके बारे में शास्त्रों में क्या कहा गया है? इस बारे में जानकारी दे रहे हैं महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान “ट्रस्ट” के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय.

मांगलिक कार्य होने पर भी दें तर्पण
ज्योतिषाचार्य पांडेय का कहना है कि बहुत से लोगों में यह भ्रम है कि उनके घर इस साल बेटे या बेटी का विवाह हुआ है, कोई अन्य मांगलिक कार्य हुआ है तो पितृ पक्ष में अपने पितरों के लिए तर्पण, दान, पिंडदान आदि नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पक्ष अशुभ है. यह बिल्कुल ही गलत बात है. ऐसा नहीं करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: पितृ पक्ष में जरूर करें यह पाठ, आपके पितर होंगे खुश, पूरे परिवार की होगी उन्नति

निर्णय सिंधु के अनुसार देखा जाए तो हर प्रकार के मांगलिक कार्य में पितरों से जुड़ा काम करना जरूरी और उत्तम है. आपने देखा होगा कि जिस घर में शादी, जनेऊ आदि जैसे मांगलिक कार्य होते हैं, वहां सबसे पहले नान्दीमुख श्राद्ध जरूर कराया जाता है. इसका कारण यह होता है कि आपके पितर किसी भी प्रकार की बाधा इसमें न डालें. उस शुभ कार्य में कोई विघ्न या बाधा न आए. मांगलिक कार्यों में पितरों को भी निमंत्रण दिया जाता है, जिसे पितर न्योता कहा जाता है.

जीवन में आती है सुख और समृद्धि
ज्योतिषाचार्य पांडेय का कहना है कि हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में मातृ देवो भव और पितृ देवो भव का वर्णन मिलता है. इसका तात्पर्य यह है कि माता और पिता के जैसा कोई देव नहीं है. जब वे हम से खुश और संतुष्ट होते हैं तो उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. जीवन में सुख और समृद्धि आती है. इस वजह से आपको हर साल पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध, तर्पण आदि हर्षोल्लास के साथ करना चाहिए. पूरे पितृ पक्ष में आपको अपने पितरों के लिए जल, अन्न, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज, 4 घंटे 5 मिनट तक है कुल अवधि, जानें सूतक काल, समापन समय

ऐसे में पितर देंगे श्राप, लगेगा पितृ दोष
पूरे एक वर्ष में ​पितृ पक्ष एक बार ही आता है. यह आश्विन कृष्ण पक्ष में पड़ता है, जिसमें पितरों की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि यदि आप पितरों का अपमान करते हैं, उनकी पूजा नहीं करते हैं, वे आपके कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं तो वे आपको श्राप देते हैं. उसके दुष्प्रभाव से व्यक्ति को पितृ दोष लगता है, जिससे जीवन में रोग, शोक, असफलता, कष्ट आदि भोगना पड़ता है.

Tags: Dharma Aastha, Pitru Paksha, Religion

FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 09:22 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

Related posts

गुरुवार को भूलकर भी न करें ये 5 काम, जीवन से छिन सकता है ऐशो आराम

nyaayaadmin

अक्टूबर में कैसी रहेगी मकर, कुंभ और मीन वालों की किस्मत? पढ़ें मासिक राशिफल

nyaayaadmin

कब है भानु सप्तमी? रवि योग में करें पूजा, सभी संकट होंगे दूर, देखें मुहूर्त

nyaayaadmin