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इन पैन इंडिया कलाकारों ने बॉलीवुड और साउथ फिल्म इंडस्ट्री पर रूल किया. कमल हासन और जया प्रदा स्टारर इस फिल्म भारतीय भाषाओं में डब हुई. इतना ही नहीं ये रशियन में भी डब हुई. फिल्म का क्लाइमैक्स में कोई फाइट या ड्रामा नहीं है, बस इतना इंटेंस है कि आपको रुला देगा.
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कमल हासन और जया प्रदा की इस फिल्म का नाम 'सागर संगम्म' है. यह फिल्म ऑरिजनली तेलुगु में बनी. फिल्म की कहानी एक गरीब लड़के बालकृष्ण (कमल हासन) की है, जो बहुत टैलेंटेड है. उसे भारतनाट्यम, कुचीपुड़ी और कथक में महारथ हासिल है.
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बालकृष्ण इतना इस कला को प्रोफेशनल तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहता. लेकिन एक अमीर और क्लासिकल डांस में इंटरेस्ट रखने वाली लड़की (जया प्रदा) बालकृष्ण के टैलेंट को नोटिस करती है और उसे के हाई प्रोफाइल क्लासिकल डांस फेस्टिवल में पार्टिसिपेट करने में मदद करती है.
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इस बीच, बालकृष्ण की परफॉर्मेंस से दो दिन पहले ही बूढ़ी मां की मौत हो जाती है. वह अपनी मां से अटैच होता है. बुरी तरह से टूट जाता है. माधवी उसे सपोर्ट करती है. उसे माधवी से प्यार हो जाता है और उससे अपनी फीलिंग बताता है. फिर माधवी उसे बताती है कि वह सेपरेटेड महिला है और एक बेटी है.
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बाद में माधवी का पति आता है औऱ खुशी-खुशी साथ रहते हैं. इधर बालकृष्ण नशे का आदि हो जाता है, जीवन से निराश हो जाता है. वह एक न्यूजपेपर में आर्ट क्रिटिक पत्रकार बन जाता है. एक बार वह शैलजा नाम की डांसर की आलोचनात्मक आर्टिकल लिखता है.
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माधवी उस आर्टिकल पढ़ती है और बालकृष्ण का पता लगाकर मिलने जाती है. बालकृष्ण की हालत देख तरस खाती है और बताती है कि शैलजा उसकी बेटी है. वह बालकृष्ण उसे शैलजा को डांस सिखाने के लिए कहती है. माधवी के कहने पर वह शैलजा को डांस सिखाता है.
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'सागर संगमम' के क्लाईमैक्स, शैलजा स्टेज पर परफॉर्म करती है. बालकृष्ण व्हीलचेयर पर बैठकर उसकी परफॉर्मेंस देखता है. उसकी तबीयत बुरी तरह से खराब है. परफॉर्मेंस देखते-देखते वह मर जाता है. एक शख्स चुपचाप बालकृष्ण को बाहर लेकर जाता है. बारिश होती है. माधवी छाता लेकर चलती है और मृत बालकृष्ण को भीगने से बचाती है. क्लामैक्स रुला देता है. इसकी आईएमडीबी रेटिंग 8.8 है. इसे आप प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं.