रायपुर: मां के लिए गर्भावस्था और डिलीवरी का समय जितना महत्वपूर्ण होता है उसके साथ साथ डिलीवरी के बाद का समय और ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान महिलाओं को अपनी सेहत के साथ साथ नवजात बच्चे का भी विशेष ख्याल रखना होता है. डिलीवरी के बाद मां बच्चे को स्तनपान भी कराती है तो ऐसे में मां की डाइट से शिशु के सेहत पर भी असर पड़ता है. इसको लेकर राजधानी रायपुर की प्रसिद्ध डायटीशियन डॉ सारिका श्रीवास्तव ने कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं.डायटीशियन डॉ सारिका श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे डिलीवरी के बाद मां का खान पान बच्चे के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.
सामान्य यह भ्रम रहता है कि डिलीवरी के बाद बच्चे की माता को बिल्कुल खट्टी खाने से परहेज करना है, लेकिन सभी माताओं के लिए यह लागू नहीं होता दरअसल डिलीवरी दो प्रकार की होती है. एक नॉर्मल डिलीवरी और दूसरा ऑपरेशन से डिलीवरी. दोनों ही डिलीवरी के बाद मां का खान पान बहुत अच्छा होना चाहिए. जितनी भी वे पहले खाना खाती थीं उससे 450 कैलोरी प्रतिदिन के डाइट में उन्हें सम्मिलित करना जरूरी होता है. क्योंकि वे फीडिंग मदर होती हैं तो उनकी 600 कैलोरी बच्चे को फीड कराने में जाता है. मां की डाइट में उन्हीं चीजों को शामिल करना चाहिए. दूध, दही का इस्तेमाल कर सकते हैं.दही प्रोबायोटिक का सबसे अच्छा स्त्रोत होता है.
डाइट में जरुर शामिल करें ये चीज
अजवाइन की पानी लेने से किसी तरह के डाइजेशन संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है. डिलीवरी अगर ऑपरेशन से हुई है तो सातवे दिन से ड्राई फ्रूट्स, पंद्रह दिन बाद लड्डू को डाइट में शामिल कर सकते हैं. नॉनवेज खाते हैं तो सात दिन बाद अंडा, पंद्रह के बाद चिकन, फिश खा सकते हैं. डाइट में डेयरी प्रोडक्ट को जरूर सम्मिलित करना चाहिए. डिलीवरी के बाद मां को प्रोटीन 21 ग्राम अतिरिक्त लेना बहुत आवश्यक होता है. साथ ही साथ तीन मिल्स यानी सुबह का ब्रेकफास्ट, दोपहर का लंच और रात का डिनर कभी नहीं छोड़ना है. बीच बीच में दो-दो घंटे के भीतर हेल्दी चीजें खाते रहना चाहिए. डाइट में दूध को जरूर सम्मिलित करना है. मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए सतावरी को डाइट में शामिल करना है.
इन चीजों मां और बच्चें दोनों हेल्दी रहेंगे
ऐसी कोई चीज नहीं खाना है जिससे माता और बच्चे को गैंस हो, पत्तागोभी, फूलगोभी, सोयाबीन को डाइट में शामिल नहीं करना है. इसके अलावा फास्टफूड, जंक फूड, चायनीज़ फ़ूड को कम से कम एक महीने के लिए पूरी तरह से बंद कर देना है. डाइट में डेयरी प्रोडक्ट को सम्मिलित कर सकते हैं. दही, टमाटर, नींबू खा सकते हैं लेकिन आचार,इमली इस समय नहीं खाना है. हरी सब्जी, मौसमी सब्जी इसके अलावा सीड्स में सूर्यमुखी का बीज, अलसी के बीज, कद्दू के बीज को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए. आयरन की कमी होने पर मुनगा पावडर, करेला जैसी चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए ऐसे में मां और बच्चों दोनों हेल्दी रहेंगे.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 11:39 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.