हाइलाइट्सहरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रख भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. पूजा के दौरान भी हरे रंग का विशेष योगदान होता है.
Hariyali Teej 2024 : सावन महीना कई मायनों में खास माना जाता है और इस महीने में सोमवार को भगवान शिव वहीं मंगलवार को माता पार्वती की पूजा की जाती है. इसके अलावा कई ऐसे व्रत आते हैं, जिनका बड़ा महत्व बताया गया है. इन्हीं में से एक है तीज. वैसे तो तीज सालभर में 3 बार आती है, लेकिन सावन में आने वाली तीज को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है. आज हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रख भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. पूजा के दौरान भी हरे रंग का विशेष योगदान होता है. हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां, हरी मेंहदी आदि. वहीं पूजा सामग्री में खीरा जरूर रखा जाता है. लेकिन, क्या आप इसका कारण जानते हैं? यदि नहीं तो आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
कब है हरियाली तीज
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 6 अगस्त की शाम 7 बजकर 53 मिनट से
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समापन: 7 अगस्त की रात 11 बजकर 6 मिनट पर
कब रखा जाएगा व्रत: उदया तिथि के कारण हरियाली तीज का व्रत आज 7 अगस्त को है.
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पूजा में क्यों जरूरी है खीरा?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तरल पदार्थों का संबंध चंद्रमा से माना गया है. इनमें खीरा भी शामिल है और इसे चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है. वहीं सभी जानते हैं कि भोलेनाथ अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करते हैं. ऐसे में खीरे का संबंध चंद्रमा से और चंद्रमा का भगवान शिव से होता है.
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जब हरियाली तीज की पूजा होती है तो भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है. इस दौरान शिव-शक्ति के साथ-साथ चंद्रमा का पूजन भी किया जाता है. चूंकि, खीरा चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है इसलिए इसे पूजा में रखना जरूरी माना गया है.
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Sawan Month
FIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 11:04 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें