हल्द्वानी. मानसून के मौसम में बारिश शुरू होते ही डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं . दरअसल, बरसात की वजह से जगह-जगह पानी इकठ्ठा होने लगता है. इस कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है और लोग तेजी से डेंगू जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आते हैं. गौरतलब है कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, जो यह बीमारी जानलेवा तक साबित हो सकती है. डेंगू की शुरुआत अक्सर तेज बुखार के साथ होती है. इसके अलावा इसमें अक्सर प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जो गंभीर काफी जोखिम भरा हो सकता है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे औषधीय पत्तों के बारे में बताएंगे जो डेंगू के इलाज में रामबाण की तरह काम करते हैं.
डेंगू में मरीजों का प्लेटलेट्स काउंट काफी तेजी से गिरने लगता है. जिससे उनके शरीर में कमजोरी हो जाती है. ऐसे में प्लेटलेट्स काउंट को तेजी से बढ़ाने के लिए इन पत्तियों के रस का सेवन कर सकते हैं. यह इम्युनिटी को बढ़ाने में भी काफी असरदार साबित होते हैं. पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. आशुतोष पंत ने बताया कि डेंगू होने पर एंटीबायोटिक के साथ-साथ अगर पपीते, गिलोय, नीम के पत्तों के रस का सेवन किया जाए तो प्लेटलेट्स काउंट काफी तेजी से बढ़ता है. यह इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करता है. तो अगर किसी को डेंगू हो जाता है तो वह अपने गार्डन में होने वाले इन पेड़ के पत्तों का रस पीकर अपनी सेहत में सुधार ला सकते हैं.
डेंगू के इलाज में रामबाण
डॉ. आशुतोष पंत ने बताया कि डेंगू से राहत पाने के लिए पपीते के पत्तों का इस्तेमाल काफी कारगर होता है. इनके इस्तेमाल से डेंगू के संक्रमण को कम किया जा सकता है. ऐसे में, आप सबसे पहले इन्हें ताजा पानी से धो लें और फिर कम से कम 1 घंटा पानी में भीगने के लिए रख दें. इसके बाद इन्हें दरदरा पीस लें और फिर पानी में मिलाकर इन्हें छान लें. बता दें, कि डेंगू के बुखार में सुबह-शाम इसका एक ग्लास रस पीने से प्लेटलेट्स काउंट काफी तेजी से बढ़ता है.
नीम के पत्तों का ऐसे करें सेवन
डॉ. आशुतोष पंत ने बताया कि नीम के पत्ते में एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं. नीम के पत्ते भी प्लेटलेट्स काउंट को तेजी से बढ़ाने में मददगार होते हैं. इसके सेवन भी आप पानी में उबालने के बाद छानकर सकते हैं. आयुर्वेदिक औषधि के रूप में यह न सिर्फ बुखार से राहत दिलाते हैं, बल्कि इम्युनिटी को भी बूस्ट करता हैं.
वायरल बुखार, डेंगू और टाइफाइड के इलाज में कारगर
डॉ. आशुतोष पंत ने बताया कि गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण होते है. इसमें एंटी-एजिंग और भरपूर एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो आपकी स्किन को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं. गिलोय में एंटी-वायरल, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर जैसे गुण होते हैं. इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है. वायरल बुखार, डेंगू और टाइफाइड जैसी बीमारियों में गिलोय बहुत फायदेमंद है. इसका सेवन करने से भी प्लेटलेट्स काउंट तेजी से बढ़ता है.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 12:47 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.