Stress fell you older: अक्सर कहा जाता है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है. इंसान यदि हेल्दी लाइफ जिएं और खुश रहें तो वह हमेशा जवान रहता है. खुशी पर ब्रेक लगाने के लिए एक बीमारी बहुत बड़ा विलेन है. यह है तनाव. आमतौर पर लोग इसे बीमारी भी नहीं समझते हैं. लेकिन रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि तनाव या स्ट्रेस किसी भी इंसान की जिंदगी खराब करने के लिए काफी है. हर इंसान के जीवन में तनाव होता है. चाहे वह काम का तनाव हो या घर परिवार का तनाव है या पैसे की तंगी का तनाव हो. हर किसी के जीवन का हिस्सा है लेकिन इससे पार पाना इस बात पर निर्भर है कि आप इस तनाव को किस तरह मैनेज करते हैं. यदि आपके जीवन में तनाव ज्यादा है तो शरीर की जो परेशानियां होंगी वह तो होगी ही, इसके अलावा यह आपके मन को हमेशा नीचे की ओर ले जाएगी. हालिया एक रिसर्च में दावा किया गया है कि यदि आपके जीवन में तनाव ज्यादा रहता है तो आपको जवानी में ही बुढ़ापे का एहसास होने लगेगा. यह बहुत बड़ी चिंता की बात है.
वास्तविक उम्र से ज्यादा का एहसास
साइंस डेली की एक रिपोर्ट में स्टडी के हवाले से दावा किया गया है कि जो लोग ज्यादा तनाव लेते हैं, वह हमेशा खुद को अपनी उम्र से बहुत ज्यादा का समझते हैं. अगर वह जवान है और वह तनाव लेते हैं तो उन दिनों में उसे लगेगा कि उसकी उम्र बहुत ज्यादा हो गई है. अक्सर वह इस धुन में रहते हैं कि अब वह बहुत बूढ़ा हो चुका है. नोर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के शोधकर्ताओं ने बताया कि जब व्यक्ति बहुत अधिक तनाव में रहता है तो उसे खुद के जीवन पर कंट्रोल नहीं रहता. नोर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्ययन के लेखक शिवॉन न्यूपर्ट ने बताया कि रिसर्च में इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले कि स्ट्रेस आपको बूढ़ा बना देता है. उसे खुद की उम्र वास्तविक उम्र से कहीं ज्यादा लगता है.
20-30 साल की उम्र से ही परेशानी
शिवॉन न्यूपर्ट ने बताया कि पहले की कई रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि जब बुजुर्ग लोगों की हेल्थ खराब होने लगती है तब वह खुद को उम्र होने का एहसास करते हैं. हालांकि वे अपनी वास्तविक उम्र के बारे में ही सोचते हैं लेकिन पहली बार हमने 20 से 30 साल और यहां तक कि किशोर उम्र के लोगों में भी उम्र के एहसास को लेकर अध्ययन किया है. अध्ययन में पाया गया है कि पहले के लोगों की तुलना में आज के जेनरेशन के लोगों में तनाव ज्यादा है और तनाव के दिनों में वह खुद को उम्र से कहीं ज्यादा बुजुर्ग समझने लगते हैं. तनाव के दिनों में यंग एज में लोग अपने उपर कम नियंत्रण रख पाते हैं. यही कारण है कि उसे खुद की उम्र ही ज्यादा लगती है. हालांकि जब तनाव खत्म हो जाता है और वह खुश रहता है तो इसका उल्टा असर होता है. तब वह खुद को फिर से जवान समझने लगता है.
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Tags: Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 09:29 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें