मुज़फ्फरपुर:- हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके घर में बच्चों की किलकारियां गूंजे. कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि पुरुष में कोई दिक्कत हो या महिला में किसी प्रकार की दिक्कत हो, तो वह संतान का सुख पूरा नहीं कर पाते. साथ ही परिवार और समाज से ताने भी सुनने पड़ते हैं. खासकर महिलाओं के लिए यह काफी दु:खद पल होता है. लेकिन दुनिया में ऐसे कई टेक्नालॉजी विकसित हुए हैं, जो इन समस्याओं से बाहर निकालने में आपकी मदद करते हैं.
इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी ग्रसित है, तो वे भी इस टेक्नोलॉजी से अपने सीमेन-अंडाणु को प्रीजर्व करा रहे हैं. इस तकनीक को IVF के नाम से जाना जाता है. इस तकनीक का इस्तेमाल करने वालों की सोच ये है कि वो नहीं भी रहे, तो भी उनके बच्चे की किलकारियां उनके घर में गूंजती रहे.
बीमारी से पहले करा रहें प्रीजर्व
बता दें कि मुजफ्फरपुर में अब तक पुरुष और महिला मिलाकर कुल 30 से अधिक लोगों ने इस तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिसमें पुरुष अपना सीमेन, तो वहीं महिला अपना अंडाणु प्रीजर्व करा चुकी हैं. IVF को लेकर कैंसर पीड़ितों का कहना है कि वे बीमारी के पहले स्टेज में ही सीमेन-अंडाणु प्रीजर्व करा रहे हैं, क्योंकि बीमारी के दौरान यह खत्म हो जाएगा. ऐसे में जब अंडा-सीमेन प्रीजर्व रहेगा, तो उनके नहीं रहने के बाद भी इससे बच्चा होने की संभावना होगी.
इस कारण से महिला नहीं होती प्रेग्नेंट
IVF प्रोसेस को लेकर गाइनेकोलॉजिस्ट सह IVF स्पेशलिस्ट डॉ. श्रुति बंका ने लोकल 18 को बताया कि IVF एक टेक्नोलॉजी है. वे कल्पल्स, जो किसी और माध्यम से प्रेग्नेंट नहीं हो पा रहे हैं, उनमें कई सारे कारण हो सकते हैं, जैसे सीमेन शुक्राणु नहीं होता या किसी के एग खत्म हो जाते हैं या किसी की दोनों ट्यूब्स बंद हो जाती है. ऐसे में कोई भी महिला या पुरुष IVF तकनीक के द्वारा प्रेग्नेंट हो सकते हैं. इस टेक्नोलॉजी में हम महिला को 10 दिन तक इंजेक्शन लगाकर उनके एग्स बाहर निकालते हैं, फिर उनके पति से स्पर्म लेकर एग और स्पर्म को लैब में मिलाकर इमरयू बनाते हैं. उस इमरयू को स्टोर करते हैं और फिर बाद में उस इमरयू को औरत के गर्भ में डालकर बच्चा पैदा करा लेते हैं.
सुरक्षित रख सकते हैं स्पर्म
डॉ. श्रुति Local 18 को आगे बताती हैं कि गंभीर बीमारी, जैसे कैंसर या एंडोमेट्रियोसिस, ट्यूबरक्यूलोसिस, या कोई अन्य बीमारी है और अभी उनकी शादी नहीं हुई है या उनकी शादी को बहुत कम समय हुआ है, उसको बच्चा नहीं हो रहा, तो वैसी परिस्थिति में वो लोग भी अपने एग और स्पर्म को हमारे पास सुरक्षित रख सकते हैं या स्टोर कर सकते हैं. जब उनकी ये बीमारी ठीक हो जाए, तब वे हमसे अपना ये समान लेकर इमरयू फॉर्म करके ट्रांसफर करा सकते हैं. वैसे लोग, जिनका सामान खराब हो सकता था या खत्म हो सकता था, वे लोग भी मां-बाप बन सकते हैं.
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IVF के लिए ये उम्र सबसे बेहतर
डॉ. श्रुति के अनुसार, शादी से पहले या बाद में कभी भी महिलाएं अपने अंडाणु प्रीजर्व करा सकती हैं. इसके लिए सबसे बेहतर उम्र 20 या इसके आसपास होती है. यह अंडकोशिका क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए सबसे अच्छा समय होता है. 20 की उम्र में महिलाएं या लड़कियां पूरी तरह स्वस्थ होती हैं. भविष्य में स्वस्थ गर्भावस्था के लिए अधिक अंडाणु एकत्र कराए जा सकते हैं. 34 वर्ष से कम उम्र में महिला अपने अंडाणु फ्रीज कराती हैं, तो उनके गर्भावस्था की संभावना सबसे अधिक रहती है.
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FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 11:50 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.