गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर स्थित एम्स के ट्रॉमा और इमरजेंसी (टीईएम) विभाग में अब मरीजों को रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पिछले दिनों एम्स आए 125 मरीजों में से 46 को अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि बांकी मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दी गई. मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए विभाग में कई सुधार किए गए हैं, जिसमें डॉक्टरों की ड्यूटी का नया रोस्टर भी शामिल है.
एम्स में जल्द ही 30 नए बेड भी जोड़े जाएंगे. इससे मरीजों को और बेहतर सुविधा मिलेग. साथ ही हर शिफ्ट में एक सीनियर डॉक्टर, एक सीनियर रेजिडेंट और एक जूनियर रेजिडेंट तैनात रहेंगे, ताकि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को समय पर बेहतर चिकित्सा की सुविधा मिल सके.
डॉक्टरों के लिए रोस्टर हुआ तैयार
एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि इमरजेंसी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए संस्थान ने कई नए कदम उठाए हैं. उनकी टीम अब मरीजों की देखभाल में सुधार करने, उपचार के समय को कम करने और हर मरीज को व्यापक चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है. डॉ. सिंह ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के सभी डॉक्टरों की ड्यूटी का रोस्टर तैयार हो गया है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एम्स आए मरीजों को तुरंत इलाज मिले. इसके अलावा प्री और पैरा क्लिनिकल विभाग के संकायों को भी रोटेट करने की योजना बनाई गई है, जिससे मरीजों को विशेषज्ञ सेवाएं मिल सकेगी.
नई व्यवस्था से मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा
ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि सभी डॉक्टरों और रेजिडेंट्स की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है. अगर टीईएम में बेड की कमी होती है, तो मरीजों को सामान्य वार्ड में भर्ती किया जाएगा. इस नई व्यवस्था के तहत मरीजों को अब बेहतर इलाज मिलेगा और उन्हें रेफर करने की स्थिति से बचाया जा सकेगा. इस कदम से गोरखपुर के नागरिकों के लिए चिकित्सा सेवाएं और सुलभ होंगी.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 13:22 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें