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नई दिल्ली. भारत का 'रत्न' नहीं रहा. रतन टाटा, वो शख्स जिसके पास नाम, शौहरत, पैसा सब कुछ अपार रहा. एक-दो बार नहीं चार-चार बार प्यार भी हुआ, लेकिन जिंदगी भर कुंवारा रहा. रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका दुनिया से चले जाना आज हर किसी को गमगीन कर रहा है. 'परोपकारी' रतन के लिए आज हर कोई मायूस है, लेकिन क्या आप जानते हैं वो पत्नी और परिवार के लिए तरसते रहे. इस बात का जिक्र उन्होंने अपनी एक्स लवर सिमी ग्रेवाल के साथ किया था. जो आज उनके निधन के बाद बेहद गमगीन हैं.
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बड़े-बुजुर्गों को अक्सर आपने ये कहते सुना होगा कि जिंदगी में एक वक्त ऐसा आता है, जब हर किसी को एक साथी की जरूरत होती है. रतन टाटा के साथ भी ऐसा हुआ. सब कुछ होने के बाद जिंदगी में एक दौर ऐसा आया, जब उन्होंने ये कमी खलने लगी थी. इस बात का जिक्र उन्होंने अपनी बेहद खास दोस्त सिमी ग्रेवाल से की थी.
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दरअसल, सालों पहले रतन टाटा एक्ट्रेस के टॉक शो 'रेंडेजवस विद सिमी ग्रेवाल' में पहुंचे थे. इस शो में उन्होंने अपनी शादी न करने के बारे में खुलकर बात की और जिंदगी के इस खालीपन को लेकर अपने दिल की बात कह डाली. फोटो साभार- वीडियो ग्रैब
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रतन टाटा ने इस खालीपन को स्वीकार करते हुए कहा था, 'कई बार मुझे पत्नी या परिवार न होने के कारण अकेलापन महसूस होता है और कभी-कभी मैं इसके लिए तरसता हूं.' उन्होंने बताया कि जहां उन्हें किसी और की चिंता का बोझ न होने की आजादी का आनंद मिला, वहीं कभी-कभी ऐसे भी पल भी आते हैं, जब मैं अकेला हो जाता हूं. ये खालीपन मुझे महसूस होता है'. फाइल फोटो.
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जब सिमी ने उनसे पूछा कि किस चीज ने उन्हें शादी करने से रोका, तो टाटा ने इसके लिए समय और काम पर उनके गहरे फोकस सहित विभिन्न कारकों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'चीजों की एक पूरी सीरीज मुझे शादी करने से रोकती रही. समय, उस समय काम में मेरा तल्लीनता. मैं कभी-कभी शादी करने के करीब भी आया, लेकिन बात नहीं बनी.' फाइल फोटो.
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सिमी ग्रेवाल खुद एक बार रतन टाटा को डेट कर चुकी हैं और उन्हें इस बारे में बात भी की है. उन्होंने बताया था कि मुंबई में रतन टाटा मेरे पहले दोस्त थे. हम दोनों अभी-अभी विदेश से टेरा इनकॉग्निटा में लौटे थे. दोनों एक अज्ञात दुनिया की दहलीज पर हैं. दशकों की सफलता के बावजूद, रतन की विनम्रता और निष्ठा कभी कम नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा था, 'एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो प्रसिद्धि की फ्लैशबल्ब चकाचौंध से दूर रहता है, रेंडेज़वस पर मेरा पहला अतिथि बनना रतन की उदारता थी. मेरा दिल उसके दिखावे की कमी से अभिभूत था. मुझे याद है कि जाने से पहले उन्होंने उनमें से प्रत्येक से हाथ मिलाया था – अपनी मारुति में!' फाइल फोटो.
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इसी एपिसोड में, रतन टाटा ने लोगों की उनके बारे में 'वैरागी' होने की धारणा के बारे में बात की थी. उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि मैं इससे पीड़ित हूं. यह आता है… आप पूरे दिन ऑफिस में रहते हैं, बहुत सारे लोगों के आस-पास होते हैं, बहुत सारे टेलीफोन कॉल होते हैं और वहां से जाने में कुछ शांति की भावना होती है. आपको याद है जब हम कई साल पहले पहली बार मिले थे, तो समुद्र तट पर घूमना वगैरह कुछ ऐसा था जिसका मैंने आनंद लिया था. मैं अब भी इसका आनंद लेता हूं. लेकिन उस अकेलेपन में कुछ तो है. बहुत सारी सोच-विचार करना पड़ता है. फाइल फोटो.
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यह पूछे जाने पर कि क्या वह लोगों पर भरोसा करते हैं, टाटा ने जवाब दिया, 'हां, मुझे ऐसा लगता है. लोग असहमत हो सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं सहमत हूं.' फोटो साभार: @Instagram/ratantata
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आपको बता दें कि रतन टाटा ने 'ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे' को दिए इंटरव्यू में एक बार अपने पहले प्यार के बारे में बात की थी. उन्होंने बताया था, 'मैं लॉस एंजेलिस में था. मुझे प्यार हुआ और मेरी लगभग शादी होने वाली थी. लेकिन उसी समय, मैंने वापस जाने का फैसला ले लिया था. दादी की तबीयत ठीक नहीं थी. इसलिए मैं उनसे मिलने वापस आया और सोचा कि जिससे मैं शादी करना चाहता हूं, वह मेरे साथ भारत आएगी. लेकिन साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण, उसके माता-पिता उसके इस कदम से सहमत नहीं थे और रिश्ता टूट गया.' रतन टाटा के निधन से भारत के कॉर्पोरेट और परोपकारी परिदृश्य में एक गहरा खालीपन आ गया है, लेकिन एक दूरदर्शी और दयालु आत्मा के रूप में उनकी विरासत कायम रहेगी. फोटो साभार-x