Intermittent Fasting Benefits for Heart and Diabetes: नवरात्रि में घर-घर में माता का पूजन हो रहा है. नवरात्रि के इन 9 दिनों में लोग माता की अर्चना करते हुए 9 दिनों का व्रत भी रखते हैं. हिंदू धर्म में व्रत रखने और एक निश्चित समय पर भोजन करने की परंपरा सालों पुरानी है. इतना ही नहीं, इस्लाम हो या फिर जैन धर्म, खाना खाने के पैटर्न पर हर धर्म में बात की गई है. इस्लाम में महीनेभर के रोजे रखे जाते हैं, तो वहीं जैन धर्म में सूर्यास्त से पहले भोजन का नियम है. लेकिन अक्सर कई लोग व्रत रखने की इस पारंपरिक प्रथा को पुराना मानते हैं. लेकिन ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ (Intermittent Fasting) पर लगातार हो रही बात ने ये साबित कर दिया है कि हमारी प्राचीन परंपराएं, सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि पूरी तरह वैज्ञानिक प्रणाली पर आधारित थीं. हाल के अध्ययन के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग दिल की बीमारी और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. ताजा रिसर्च की मानें तो हर दिन अपने खाने के बीच 10 घंटे का अंतर रखने से ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कंट्रोल किया जा सकता है. इतना ही नहीं, ये एक ऐसा उपाय है जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम को मैनेज करने में भी सहायक है.
मेटाबॉलिक सिंड्रोम क्या है?
मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जो व्यक्ति को हृदय रोग, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का शिकार बना सकती है. इस सिंड्रोम के लिए जिम्मेदार जोखिम कारक हैं:
– उच्च रक्त शर्करा यान हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar)
– हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)
– हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
ये सभी ऐसी कंडीशन हैं, जो आपके हार्ट की सेहत बिगाड़ सकते हैं.
क्या कहती है ये स्टडी
यह अध्ययन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो और अमेरिका के साल्क इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस निष्कर्ष से उन लोगों की मदद हो सकती है जो मेटाबॉलिक सिंड्रोम से चिंतित हैं और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करना चाहते हैं. अध्ययन में शामिल 108 वयस्कों को दो समूहों में बांटा गया. एक समूह कंट्रोल टाइमिंग (Time-Restricted Eating) में खाना खा रहा था, और एक नियंत्रण समूह. दोनों समूहों को एक मानक डाइट (Mediterranean Diet) का पालन करने का निर्देश दिया गया, जिसमें फल, सब्जियां, और मछली शामिल थीं. समय-प्रतिबंधित आहार समूह के सदस्यों को अपने खाने में 10 घंटे का अंतर रखना था, जो सुबह उठने के एक घंटे बाद शुरू होता था और सोने से तीन घंटे पहले समाप्त होता था.
3 महीने के बाद जब जांच की गई तो पाया कि जिन रोगियों ने समय-प्रतिबंधित आहार का पालन किया, उनकी हार्ट हेल्थ में अहम सुधार देखा गया. साल्क इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर सच्चिदानंद पांडा ने बताया कि दिन का समय मानव शरीर में शुगर और फैट की प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग दिल की बीमारी और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
क्या है Intermittent Fasting?
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक प्रकार का आहार पैटर्न है जिसमें व्यक्ति दिन के कुछ घंटे उपवास (फास्ट) करता है और बाकी समय में भोजन करता है. इसमें मुख्य ध्यान इस बात पर होता है कि भोजन को एक निश्चित समय सीमा में लेना चाहिए और बाकी समय शरीर को भोजन से आराम देना चाहिए. इसमें कैलोरी की मात्रा को घटाने की बजाय, खाने और न खाने के समय का ध्यान रखा जाता है. यह वेट लॉस, मेटाबॉलिज्म में सुधार, और स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं को बेहतर बनाने के लिए एक लोकप्रिय आहार तरीका है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के मुख्य प्रकार:
1. 16/8 विधि: 16 घंटे का उपवास और 8 घंटे में भोजन.
2. 5:2 विधि: हफ्ते में 5 दिन सामान्य आहार और 2 दिन बहुत कम कैलोरी (500-600) का सेवन.
3. ईट-स्टॉप-ईट: हफ्ते में एक या दो बार 24 घंटे का उपवास.
4. वैकल्पिक दिन उपवास (Alternate-day Fasting): एक दिन उपवास, एक दिन सामान्य आहार.
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
शोधकर्ताओं का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग ने व्यक्तियों को वजन कम करने, उचित बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बनाए रखने, और एब्डॉमिनल ट्रंक फैट (मेटाबॉलिक डिजीज से जुड़ा वसा) को प्रबंधित करने में मदद की. इस नई स्टडी से साफ है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग न केवल आपकी हार्ट हेल्थ को सुधार सकता है, बल्कि यह डायबिटीज जैसी बीमारी को भी मैनेज करने में सहायक हो सकता है.
Tags: Eat healthy, Healthy Diet
FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 12:01 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें