01
नई दिल्ली. हिंदी फिल्म सिनेमा का इतिहास काफी पुराना है. 100 सालों से ज्यादा सालों के इतिहास में कई कलाकार आए और कई गए. कुछ आते ही फिल्म इंडस्ट्री में चा गए तो किसी को स्टारडम पाने के लिए रात-दिन एक करना पड़ा. बॉलीवुड की एक हसीन अदाकारा, जिसके साथ नामी एक्टर्स काम करने से साफ मना कर देते थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और जूनियर आर्टिस्ट से लेकर सपोर्टिंग लीड और फिर मेन लीड तक का सफर तय किया. ये एक्ट्रेस और कोई नहीं मुमताज हैं, जिन्होंने रुपहले पर्दे पर एक के बाद एक कई रोल्स अदा किए. आज मुमताज अपना 77वां जन्मदिन मना रही हैं. क्या आप जानते हैं 53 साल पहले मुमताज का वो कौन सा सपना था, जो छन से टूट गया था.
02
बॉलीवुड के बीते दौर में कई ऐसे रोचक किस्से हैं. पर्दे पर एक के बाद एक फिल्मों की तरह सितारों से जुड़े किस्सों में भी लोगों की उत्सुकता रहती है. अपने दौर की लाजवाब एक्ट्रेस मुमताज की जिंदगी से जुड़े उस किस्से के बारे में आपको बताते हैं, जब उन्हें टक्कर देने वाली कोई एक्ट्रेस नहीं थी. लेकिन साल 1971 में देवानंद की ऑनस्क्रीन बहन ने उनका स्टारडम छीन लिया और इंडस्ट्री पर राज करने लगीं.
03
ये बात आज से करीब 53 साल पहले की है, जब देव आनंद साहब साल 1971 की बड़ी हिट फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ बनाने की तैयारी में थे. ये वो दौर था जब मुमताज टॉप हीरोइन हुआ करती थीं, इसलिए उन्होंने मुमताज को फिल्म में लीड हीरोइन कास्ट करने का मन बनाया, लेकिन बात कहां आकर अटकी की लीड रोल फिल्म में देव साहब की बहन का था.
04
मुमताज ने इस किरदार को रिजेक्ट कर दिया और उन्हें दूसरा रोल मिल गया. उस वक्त देव आनंद को ऐसी एक्ट्रेस की तलाश थीं, जो फिल्म में उनकी हीरोइन नहीं, उनकी बहन का किरदार निभा सके. लेकिन देव आनंद का चार्म ऐसा था कि हर एक्ट्रेस उनकी हीरोइन बनना चाहती थीं.
05
एक दिन अचानक देव आनंद की मुलाकात जीनत अमान से हुई. जीनत उस वक्त इंडस्ट्री में नई थीं और दो-तीन फिल्मों में ही काम कर चुकी थीं. ये वो समय था जब जीनत इंडस्ट्री में अपनी जड़े जमा रही थीं. उन्हें पहली नजर में देखते ही देव आनंद ने फैसला कर लिया कि जीनत को ही फिल्म में अपनी बहन के किरदार के लिए कास्ट करेंगे.
06
मुमताज को भी इस बात से ऐतराज नहीं था, क्योंकि उन्हें पता था कि जीनत इंडस्ट्री में नई हैं और वह तो टॉप की एक्ट्रेस हैं तो उन्हें फिल्म में ये रोल मिलने पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई. लेकिन बाद में मुमताज का सपना पूरी तरह टूट चुका था. साल 1971 में जब फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ रिलीज हुई तो फिल्म काफी बड़ी हिट साबित हुई. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा फायदा जीनत अमान को हुआ जबकि मुमताज एक तरह से फिल्म में कहीं खो गई थीं.
07
फिल्म का गाना ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ तो उस समय काफी पॉपुलर हुआ था. देव आनंद के साथ उनकी केमेस्ट्री को भी खूब पसंद किया गया. इस फिल्म के बाद निर्माता-निर्देशकों ने देव आनंद और जीनत की जोड़ी को तकरीबन दर्जनों फिल्मों के लिए साइन किया और वह जिस भी फिल्म में नजर आए वह ज्यादातर हिट ही साबित हुईं.
08
आपको बता दें कि साल 1971 में आई फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्ण’ में मुमताज एक छोटे से रोल में नजर आई थीं. जबकि पूरी फिल्म जीनत अमान पर ही आधारित थी और फिल्म में सारी लाइमलाइट भी उन्हें ही मिली थी. इस एक फिल्म से जीनत ने रातोंरात मुमताज का स्टारडम छीन लिया था. इसके बाद मुमताज की जगह जीनत मेकर्स की पहली पसंद बन गई थीं और एक से बढ़कर एक हिट देकर वह बॉक्स ऑफिस क्वीन बन गईं और इस तरह उन्होंने मुमताज के स्टारडम को छीन लिया था. ‘हरे राम हरे कृष्ण’ साल 1971 की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई. इस फिल्म ने उस दौर में 3 करोड़ रुपये छापे थे.