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July 2, 2024
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10 कदम में विदेश पहुंच जाता है शख्स, कनाडा में करता है नाश्ता, तो US में डिनर!

दुनियाभर में कई ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है. पहली बार में उन जगहों की मौजूदगी पर यकीन कर पाना मुश्किल होता है. लेकिन असलियत जानने के बाद हर कोई चौंक जाता है. आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आपसे पूछा जाए कि क्या आप दुनिया के सबसे छोटे अंतरराष्ट्रीय ब्रिज (Shortest International Bridge) के बारे में जानते हैं? शायद ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होगी. लेकिन आपको बता दें कि ये पुल जहां पर बना है, वहां रहने वाला शख्स अपनी मर्जी के मुताबिक कनाडा में नाश्ता करता है तो अमेरिका में डिनर कर सकता है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे संभव है? तो बता दें कि सबसे छोटा इंटरनेशनल ब्रिज नदी में बसे दो छोटे आइलैंड के बीच बना है, जिसका मालिक एक ही शख्स है.

चूकि 1793 में यहां पर कनाडा और अमेरिका के बीच बॉर्डर का निर्धारण नदी को लेकर हुआ था. ऐसे में नदी के बीचों-बीच बसे जाविकॉन आइलैंड का भी बंटवारा दो हिस्सों में हो गया. इस आइलैंड का दो तिहाई हिस्सा कनाडा के पास चला गया, तो एक तिहाई हिस्सा अमेरिका के कब्जे में आ गया. साल 1902 में एल्मर एंड्रेस नाम के एक व्यवसायी ने जॉविकन आइलैंड के कनाडा वाले हिस्से में जर्मन शैली का एक विला बनवाया. उसी शख्स ने अपने घर के चारों तरफ सब्जी का बागीचा और घाट बनवाने के उदेश्य से सेंट लॉरेंस नदी के बीचों बीच स्थित जाविकॉन आइलैंड पर लकड़ी का यह पुल भी बनवा दिया. बाद में इस सबसे छोटे इंटरनेशनल ब्रिज को ‘बैकयार्ड बॉर्डर क्रॉसिंग’ नाम दिया गया था.

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फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया

ब्रिज का यह नाम अमेरिकी प्रेस द्वारा दिया गया और उन्होंने ही लकड़ी के इस क्रॉसिंग को “दुनिया का सबसे छोटा अंतरराष्ट्रीय पुल” भी माना था. इस पुल पर बड़े आइलैंड की दिशा में कनाडा का झंडा है, तो छोटे आइलैंड की तरफ अमेरिका का झंडा लगा हुआ है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका और कनाडा के बीच बना दुनिया का सबसे छोटा इंटरनेशनल ब्रिज लगभग 32 फीट लंबा है. साल 1976 में डोनाल्ड रिकर्ड और उनकी पत्नी जूली रेकाई रिकर्ड ने इन दोनों आइलैंड को खरीद लिए. इसके बाद पुल पर हंगरी का झंडा भी लग गया. इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ा एक वीडियो पोस्ट भी शेयर किया गया, जिस पर लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं.

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क्यों पुल के बीच में लगा हंगरी का झंडा?

कनाडा और अमेरिका के कब्जे वाले इन दोनों आइलैंड को डोनाल्ड रिकर्ड और उनकी पत्नी जूली रिकर्ड ने खरीद लिया था. जूली का परिवार मूल रुप से हंगरी का रहने वाला था, जिसकी वजह से ब्रिज पर हंगरी का झंडा भी लगा दिया गया. अब सवाल यह उठता है कि आखिर दो देशों के बीच कोई कैसे तीसरे देश का झंडा लगा सकता है, तो बता दें कि इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है. दरअसल, जूली की मां, काटी रेकाई का जन्म 1921 में बुडापेस्ट में कैटालिन डेसिडर के नाम से हुआ था. वह अपने पति डॉ. जानोस रेकाई के साथ सन् 1948 में हंगरी के साम्यवादी शासन से बचकर पहले फ्रांस, फिर कनाडा चली गईं. कनाडा में जूली के पिता ने खूब ख्याति हासिल की. उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर 36 अलग-अलग भाषाओं में बात करने वाले कर्मचारियों से निपुण अस्पताल का निर्माण करवाया. बाद में जूली ने भी कनाडाई साहित्य के अंतरराष्ट्रीय प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी वजह से ब्रिज पर हंगरी का झंडा भी सजा दिया गया.

Tags: Ajab Bhi Ghazab Bhi, Khabre jara hatke, OMG News, Shocking news, Weird news

FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 09:01 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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