हाइलाइट्सकेले के पौधे की परिक्रमा निश्चित नहीं है.केले के पौधे की परिक्रमा 1 से 5 तक लगा सकते हैं.
Kele Ke Ped Ki Parikrima Karen : हिन्दू धर्म में केले के पौधे का बड़ा महत्व बताया गया है. किसी भी शुभ कार्य या पूजा में केले के पत्ता का उपयोग होता है. पूजा के दौरान फलों में केले का विशेष स्थान है. वेदों में केले के पौधे को ‘कल्पवृक्ष’ या ‘कल्पतरु’ के रूप में वर्णित किया गया है. इसे सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला वृक्ष माना गया है. मान्यता है कि केले के पौधे में स्वयं नारायण का वास होता है. इसकी पूजा करने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा मिलती है. पूजा के लिए गुरुवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है. बता दें कि पूजा के दौरान केले के पौधे की परिक्रमा भी की जाती है, लेकिन कितनी करनी चाहिए और इसका क्या महत्व है? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
कब और कितनी लगाएं परिक्रमा
पंडित जी के अनुसार, केले के पौधे की परिक्रमा निश्चित नहीं है, लेकिन आप 1 से लेकर 5 तक लगा सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि परिक्रमा ब्रह्म मुहूर्त और शाम के समय लगानी चाहिए. जो आपको शुभ फल देगी.
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क्या है परिक्रमा का महत्व
– केले के पौधे की एक परिक्रमा को शुभ माना जा सकता है और यह आपके लिए आसान भी होगा.
– वहीं हिन्दू धर्म में पूजा के लिए तीन को बहुत महत्व दिया गया है. जो त्रिदेवों – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है. इसलिए आप केले के पौधे की तीन परिक्रमा भी लगा सकते हैं.
– कई लोग पांच परिक्रमा लगाते हैं, जो कि पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश इन पांच तत्वों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसा करने से आपको ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है.
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परिक्रमा के दौरान इन मंत्रों करें जाप
ॐ नमो नारायणाय:
ॐ कल्पवृक्षाय नमः:
ॐ एकाक्षि नमः:
ॐ गणेशाय नमः:
ॐ गायत्री मंत्र:
Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 11:32 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें