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July 2, 2024
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साल में सिर्फ दो महीने मिलता है ये काला-नीला फल, अकेला कई बीमारियों का काल

दीपक पांडेय/खरगोन. मौसम के बदलने से लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होने लगती है. इन बीमारियों से बचने और खुद को तंतुरस्त रखने के लिए डॉक्टर मौसमी फल, सब्जियों का सेवन करने की सलाह देते है. मानसून के साथ मौसमी फलों की बाजार में आवक भी बड़ गई है. इन्हीं में फलों में एक जामुन का फल भी शामिल है. साल में सिर्फ 2 महीने मिलने वाला यें फल आयुर्वेद की दृष्टि से सेहत के काफी गुणकारी है.

आयुर्वेद विशेषज्ञों की माने तो जामुन का पूरा पेड़ औषधियों से भरा है. इसके फल, पत्तियां, छाल, लकड़ी, बीज का इस्तेमाल कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है. इसमें इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है, जो मसूड़े से निकलने वाले खून में संक्रमण को फैलने से रोकता है. मुंह के छालों को दूर करता है. खून को शुद्ध करता है. पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पांचन संबंधित कई बीमारियो के लिए रामबाण है.

जामून खून को करत है शुद्ध
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार मौर्य ने लोकल 18 से कहा कि आयुर्वेद में जामुन का पेड़ पंचाग की श्रेणी में आता है. जिसके फूल, फल, पत्ते, छाल, खुटलिया इन सभी का इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता है. हालांकि, आजकल किसान जामुन की खेती भी करने लगे है. बाजार में हाइब्रिड जामुन भी बिकने के लिए आते है. वह इतने असरदार नहीं होते. नदी किनारे पेड़ो पर लगने वाले जामुन आयुर्वेद में ज्यादा फायदेमंद होते है. पेड़ो पर लगने वाले फल छोटे आकार के होते है.

पत्तियों के फायदे
जिन लोगों को एलोपैथिक, होम्योपैथिक दवाइयां शूट नही कर रही है तो वें लोग प्राकृतिक रूप से जामुन की पत्तियों का जूस बनाकर काढ़े के रूप में इस्तेमाल कर सकते है. यह डायरिया के लिए काफी लाभदायक होता है. जूस की 10 एमएल मात्रा को पानी में मिलाकर पिएं.

छाल का उपयोग
जामुन के पेड़ की छाल को दातून के लिए इस्तेमाल कर सकते है. अगर गले में खराबी है तो भी इसकी छाल या पतले डंटल से दातून करें. काढ़ा बनाकर गरारे करने से आराम मिलता है.

फल के फायदे
जामुन के फल में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते है. इसमें प्रोटीन, आयरन की भरपूर मात्रा होती है. विटामिन “ए” और विटामिन “सी” का यह सबसे अच्छा सोर्स है. फल को एक तरह से फुल्ली न्यूटरलाइट के रूप में भी कर सकते है.

बीज का उपयोग
बीज का पावडर बना सकते है. जिन लोगो को बहुत ज्यादा यूरिन की समस्या रहती है. डायरिया से ग्रसित है तो वें लोग जामुन के बीज को पीसकर पावडर बनाकर सेवन कर सकते है. शरीर में ग्लूकोस लेवल बनाए रखने के लिए भी पावडर का इस्तेमाल कर सकते है.

लड़की का इस्तेमाल
जामुन के पेड़ की लड़की भी काफी फायदेमंद होती है. जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल, हरी काई नहीं जमेगी और पानी सड़ेगा भी नहीं है

Tags: Health News, Health tips, Hindi news, Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news

FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 19:55 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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