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नई दिल्ली. शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत ने खुलासा किया कि जब वह अपनी बेटी मीशा कपूर के अपने पहली संतान की उम्मींद कर रही थीं, तो उनका मिसकैरेज होने वाला था. मीरा ने बताया कि जब वह चार महीने की प्रेग्नेंट थीं, तो उनका गर्भाशय इतना फैल गया था कि सोनोग्राम देखने के बाद उनके डॉक्टर चिंतित हो गए और मिसकैरेज से बचने के लिए उन्हें पूरी तरह से आराम करने के लिए कहा. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह ढाई महीने तक अस्पताल में भर्ती रहीं.
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बता दें कि मीरा अपनी पहली प्रेग्नेंसी के दौरान केवल 21साल की थी. मीरा ने प्रखर गुप्ता के पॉडकास्ट पर अपनी पहली प्रेग्नेंसी की कठिनाइयों के बारे में बात की और बताया कि कैसे वह लगभग अपने पहले बच्चे को खोने वाली थीं.
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रिपोर्ट के अनुसार मीरा ने कहा- बहुत से लोग यह नहीं जानते, लेकिन जब मैं अपनी बेटी के साथ गर्भवती थी, तो यह मेरी पहली प्रेग्नेंसी थी और आप सोचते हैं. ओह, उस समय मैं 21-20 की थीं. जो भी हो, मैं स्वस्थ थी और मैं बहुत फिट थी और बच्चे पैदा करने के मामले में अपने जीवन का सबसे बेहतरीन समय बिता रही थी. इससे बुरा और क्या हो सकता है और जब मैं चार महीने की गर्भवती थी, तब मेरा मिसकैरिज होने वाला था. वापस आकर मैंने सोनोग्राफी करवाई और डॉक्टर ने मुझे बताया कि अभी रेस्ट करो.
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सोनोग्राफी करवाने के दिन को याद करते हुए मीरा ने बताया कि डॉक्टर और शाहिद के चेहरे पर चिंता थी. उन्होंने कहा "आम तौर पर, जब कपल सोनोग्राफी करवाने जाते हैं और वापस आते हैं और वे आपस में बात करते हैं कि 'हाहाहा, ओह वाह, कितना प्यारा है, और यह सब..' लेकिन मेरे साथ सब कुछ अलग था. वह ऐसा था जैसे मुझे तुमसे बात करनी है लेकिन तुम बैठ नहीं सकती, कृपया लेट जाओ. क्योंकि मेरा पेट पहले ही फैल चुका था और मैं चार महीने की गर्भवती थी, इसलिए शाहिद ने मुझसे कहा, 'तुम किसी भी समय अपना बच्चा खो सकती हो.
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मीरा ने आगे बताया कि वह सोनोग्राफी के बाद वापस आईं और डॉक्टर व शाहिद उन्हें सीरियस चेहरे से देख रहे थे. फिर डॉक्टर ने उन्हें बताया- आम तौर पर आप सोनोग्राफी के लिए जाते हैं, आप वापस आते हैं और आप बातें करते हैं, 'हाहाहा, ओह वाह, कितना प्यारा है और यह सब..'सब कुछ बस अलग था. वह ऐसा था जैसे मुझे तुमसे बात करनी है, लेकिन तुम बैठ नहीं सकती, कृपया लेट जाइए क्योंकि मेरा गर्भाशय पहले ही फैल चुका था और मैं चार महीने की गर्भवती थी. इसलिए उन्होंने मुझसे कहा, 'आप किसी भी समय अपना बच्चा खो सकती हैं.
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मीरा ने आगे बताया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और ढाई महीने तक निगरानी में रखा गया था. इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा और शाहिद ने इसे नोटिस किया. मीरा ने कहा, "ढाई महीने के बाद मैं वहां से निकलना चाहती थी, लेकिन बिस्तर से उठ नहीं पा रही थी, इसलिए शाहिद ने मेरे डॉक्टर से बात की और उनसे कहा, 'मैं घर को अस्पताल बना दूंगा, बिस्तर लगा दूंगा और सब कुछ ठीक कर दूंगा, लेकिन उसे घर पर ही रहने दूंगा,'
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हालांकि मीरा ने ये भी बताया कि घर आने के बाद फिर से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो गया. अंत में मीरा ने 26 अगस्त, 2017 को मीशा का स्वागत किया. मीरा ने कहा कि डॉक्टर ने नन्हे बच्चे को 'चमत्कारी बच्चा' कहा था.