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शरीर में दिखाई दे रहे हैं ये 5 लक्षण…फेल हो सकती है किडनी! तुरंत करें ये काम

देहरादून : वर्तमान समय में जहां विज्ञान और तकनीक ने हमारी जिंदगी को सुविधाजनक बना दिया है, वहीं कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं ने भी जन्म लिया है. किडनी फेलियर (गुर्दे की विफलता) उन बीमारियों में से एक है, जो हमारे बदलते जीवनशैली, खानपान और आदतों का परिणाम है. आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य पर उतना ध्यान नहीं दे पाते जितना ज़रूरी होता है और इसका सीधा असर हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ता है, खासकर किडनी (kidney) पर. देहरादून के वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. विवेक विज़न (Vivek Vijan) ने लोकल18 के साथ विशेष बातचीत में किडनी फेलियर के कारण शरीर में होने वाले शुरुआती बदलावों पर विस्तार से चर्चा की

डॉ. विवेक विज़न ने बताया कि किडनी फेलियर तब होता है जब किडनी अपने कार्य को सही तरीके से करने में असमर्थ हो जाती है. किडनी का मुख्य कार्य खून से विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानकर उन्हें मूत्र के रूप में निकालना है. किडनी फेलियर के कारण शरीर में हानिकारक तत्व जमा होने लगते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

डॉ. विवेक विज़न ने बताया कि जब किडनी खराब होती है तो जो सबसे पहले बदलाव शरीर में आते हैं, वे अक्सर देर से सामने आते हैं. शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ये लक्षण तब सामने आते हैं जब किडनी पहले ही कुछ हद तक खराब हो चुकी होती है.
⦁ पैरों में सूजन,
⦁ आंखों और चेहरे के आसपास सूजन
⦁ पेशाब की मात्रा कम होना
⦁ फ्रॉथी यूरिन (झाग वाला यूरिन),
⦁ ब्लड प्रेशर का बहुत ज्यादा बढ़ना
⦁ सिरदर्द

कौन से मरीजों को ज्यादा खतरा?
किडनी से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूकता के महत्व को बताते हुए डॉ. विवेक विज़न ने कहा कि कुछ विशेष प्रकार के रोगियों को इसके प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ”जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, बार-बार पथरी, और बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) की समस्याएं होती हैं, उन्हें किडनी फेलियर के प्रति विशेष रूप से जागरूक रहना चाहिए.

बाद में इलाज कठिन
डॉ. विज़न ने यह भी सुझाव दिया कि इन रोगियों को समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और किडनी से संबंधित जांच करवानी चाहिए, ताकि समय रहते किडनी की स्थिति के बारे में पता चल सके. उन्होंने कहा, बीमारी के शुरुआती चरण में इसे रोकना संभव है, लेकिन अगर हम लक्षणों का इंतजार करेंगे, तो बीमारी पहले से ही बढ़ चुकी होगी, जिससे उपचार में कठिनाइयां आएंगी.

कैसे करें रोकथाम?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किडनी से संबंधित लक्षण समय रहते पहचान लिए जाएं और उचित इलाज शुरू किया जाए, तो इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है. लेकिन, जब लक्षण उभरते हैं, तब तक किडनी में कुछ हद तक क्षति हो चुकी होती है. डॉ. विवेक विज़न ने सलाह दी कि जिन लोगों को किडनी फेलियर का खतरा अधिक है, उन्हें नियमित रूप से किडनी की जांच करानी चाहिए और अपनी जीवनशैली में सुधार लाना चाहिए. सही समय पर जागरूकता और इलाज से किडनी फेलियर जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.

Tags: Dehradun news, Health News, Kidney disease, Life18, Local18, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 13:14 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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