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शनि का शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश, इन 2 राशियों के बुजुर्गों के लिए बनेगा आफत!

हरिद्वार. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गोचर का सीधा संबंध सभी 9 ग्रहों और 12 राशियों से होता है. गोचर का अर्थ ग्रहों की चाल से हैं. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं. ग्रहों के गोचर का देश दुनिया के साथ व्यक्ति के जीवन पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित समय में राशि परिवर्तन करते रहते हैं. सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का समय अलग-अलग होता है. जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो उसका सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ता हैं.

ज्योतिष शास्त्र में के अनुसार शनि देव ‘न्याय के देवता’ हैं और समस्त देवताओं में शनिदेव ही एक ऐसे देवता है, जिनकी पूजा प्रेम के कारण नहीं बल्कि डर के कारण की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव कर्मों के अनुसार जातकों को फल देते हैं. जिस जातक के अच्छे कर्म होते हैं, उन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है और और जो व्यक्ति बुरे कर्मों में लिप्त रहता है. उन पर शनिदेव का प्रकोप बरसता है. शनि देव एक राशि में 2.5 साल रहते हैं. शनि देव के राशि और नक्षत्र परिवर्तन करने से कुछ राशियों के जातकों को लाभ मिलता है तो कुछ राशियों के जातकों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. शनिदेव 3 अक्टूबर को मित्र राहु के नक्षत्र में प्रवेश कर चुके है जिसका सभी 12 राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ेगा.

वैदिक पंचांग के अनुसार शनि देव 3 अक्टूबर की दोपहर को शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके है. शनिदेव के शतभिषा नक्षत्र में गोचर से कुछ राशि के जातकों को नकारात्मक फल मिलेगा. हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा बताते हैं कि शनि देव 3 अक्टूबर की दोपहर 12:13 पर शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके है. शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु ग्रह और राशि कुंभ है. शनि देव के शतभिषा नक्षत्र में गोचर करने से कुछ राशियों का नुकसान जैसे बीमार होना, चोट लगना, बुजुर्गों के साथ कोई घटना होना शामिल है.

कन्या राशि: शनि देव के नक्षत्र परिवर्तन करने पर कन्या राशि के जातकों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा. जिससे कन्या राशि के जातकों को बहुत सी समस्याएं आ सकती हैं. इस दौरान कन्या राशि के जो जातक 60 साल से ऊपर की उम्र के हैं उनके साथ ऐसी घटना हो सकती है जिसमें उन्हें चोट लगाने से अस्पताल में एडमिट होना पड़ सकता है. शनि देव का शतभिषा नक्षत्र में गोचर 27 दिसंबर तक रहेगा. इस समय तक आपको विशेष ध्यान रखना होगा.

मीन राशि: शनि देव राहु के नक्षत्र शतभिषा में 27 दिसंबर तक रहेंगे. 27 दिसंबर तक का समय मीन राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं रहेगा. इस दौरान मीन राशि के जातकों के परिवार में जो 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग हैं उनके पैर में चोट लगने का खतरा बना रहेगा. घुटने से नीचे पैर के पंजे में चोट लग सकती है. साथ ही मीन राशि के जातकों को आकस्मिक बीमारी से अस्पताल में एडमिट होना पड़ सकता है. 27 दिसंबर तक का समय आपके लिए अच्छा नहीं रहेगा.

उपाय : शनि देव का राहु के नक्षत्र में गोचर 27 दिसंबर तक रहेगा. इस दौरान कन्या और मीन राशि के जातकों को कुछ उपाय करने होंगे. इन उपायों से जातकों को लाभ मिलेगा. कन्या राशि के जातकों को बुधवार के दिन भगवान गणेश को मीठा भोग लगाने के साथ ही उनके मंत्रो का जाप करना होगा. साथ ही किसी गरीब या जरूरतमंद इंसान को दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं दान करने पर लाभ होगा. मीन राशि के जातकों को शनिदेव के मंत्रो का जाप करने और शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाने से लाभ मिलेगा. वही किसी जरूरतमंद या एक आंख वाले भिखारी को काले नीले वस्त्र दान करना लाभकारी रहेगा.

Note: शनि देव के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने पर कन्या और मीन राशि के जातकों को होने वाले नुकसान से बचाने के उपाय के बारे में ओर अधिक जानकारी के लिए आप हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित शशांक शेखर शर्मा से उनके फोन नंबर 7895714521 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते है.

Tags: Astrology, Haridwar news, Local18, Religion 18, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 14:18 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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