Male Vs Female Brain: पढ़ाई-लिखाई से लेकर एग्जाम्स में लड़कियां बाजी मार जाती हैं और लड़के पिछड़ जाते हैं. स्कूलों से लेकर खेल के मैदानों तक लड़कियां जलवा बिखेर रही हैं. आजकल यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर बिजनेस का एंपायर बनाने में महिलाएं आगे दिख रही हैं. जब भी इस तरह की सक्सेस स्टोरी की बात आती है, तो सवाल उठने लगता है कि क्या लड़कियों का दिमाग लड़कों से ज्यादा तेज होता है. इस मामले पर लंबे समय से बहस हो रही है और अब तक वैज्ञानिक भी इस सवाल को लेकर कंफ्यूज दिखे हैं. आज आपको इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं.
अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक जब ब्रेन की बात आती है, तो पुरुषों का ब्रेन आकार में महिलाओं के ब्रेन से 10 प्रतिशत बड़ा होता है, लेकिन इसका इंटेलिजेंस पर कोई असर नहीं पड़ता है. आकार भले ही अलग हो, लेकिन मेल और फीमेल के ब्रेन में काफी समानता होती है. दोनों के ब्रेन में कई तरह के केमिकल्स होते हैं, जो एक ही तरह से काम करते हैं. अब तक किसी भी रिसर्च में यह पता नहीं चल सका है कि महिलाओं का ब्रेन ज्यादा तेज होता है या पुरुषों का दिमाग. हालांकि कई चीजों के आधार पर इसका थोड़ा बहुत अनुमान लगाया जा सकता है.
महिलाओं के ब्रेन में ग्रे मैटर ज्यादा !
इस बात के सबूत हैं कि महिलाओं के ब्रेन में ग्रे मैटर पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है. ग्रे मैटर शरीर को ब्रेन में सूचनाएं प्रोसेस करने में मदद करता है. यह मैटर ब्रेन में उन हिस्सों में होते हैं, जो मसल्स कंट्रोल और सेंसरी पर्सेप्शन से जुड़े होते हैं. हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के ब्रेन में ग्रे मैटर कम हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि महिलाएं ब्रेन में पाए जाने वाले व्हाइट मैटर का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं, जबकि पुरुष ग्रे मैटर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. इससे यह समझा जा सकता है कि पुरुष टास्क फोकस्ड प्रोजेक्ट में बेहतर होते हैं, जबकि महिलाएं लैंग्वेज और मल्टीटास्किंग में बेहतर हो सकती हैं.
पुरुषों के ब्रेन में यह खासियत
वैज्ञानिकों की मानें तो पुरुषों के ब्रेन में इन्फीरियर-पैरिएटल लोब्यूल महिलाओं से ज्यादा बड़ा होता है. ब्रेन का यह हिस्सा गणितीय समस्याओं, समय का अनुमान लगाने और गति का आकलन करने से जुड़ा हुआ है. ब्रेन के एक अन्य क्षेत्र हिप्पोकैम्पस को लेकर बहस चल रही थी, जो मेमोरी से जुड़ा हुआ होता है, लेकिन हालिया स्टडीज में पुरुष और महिलाओं के बीच हिप्पोकैम्पस में कोई अंतर नहीं पाया गया है. इससे यह साफ हो गया है कि दोनों में बराबर मेमोरी हो सकती है. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि महिलाओं और पुरुषों के ब्रेन में कुछ अंतर के कारण व्यवहार और सोच पर काफी फर्क पड़ता है.
किसे डिप्रेशन का रिस्क ज्यादा?
ब्रेन प्रोसेसिंग पैटर्न के अलावा पुरुष और महिलाओं के ब्रेन की केमिस्ट्री अलग होती है, जबकि दोनों एक ही न्यूरोकेमिकल्स को अलग-अलग तरह से प्रोसेस करते हैं. उदाहरण के लिए खुशी से जुड़ा हॉर्मोन सेरोटोनिन महिलाओं में समान रूप से प्रोसेस नहीं होता है. इससे समझने में मदद मिलती है कि महिलाएं एंजायटी और डिप्रेशन के प्रति ज्यादा संवेदनशील क्यों होती हैं. ब्रेन की जेनेटिक संरचना में अंतर होने के कारण पुरुष और महिलाओं में कई हेल्थ प्रॉब्लम का खतरा ज्यादा हो सकता है. हालांकि इस बारे में ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है.
यह भी पढ़ें-
Tags: Brain power, Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 11:03 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें