ओम प्रकाश निरंजन, कोडरमा: आज के समय में पर्याप्त पोषण न मिलने के कारण लोगों को विभिन्न शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से एक आम समस्या हड्डियों की कमजोरी है. आम धारणा है कि केवल कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं, लेकिन चिकित्सकों के अनुसार, हड्डियों की कमजोरी के पीछे अन्य विटामिन्स की कमी भी होती है.
बच्चे को जन्म से एक वर्ष तक पिलाना चाहिए मां का दूध
कोडरमा जिला आयुष पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार ने लोकल 18 को बताया कि पहले बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की कमजोरी देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह समस्या बच्चों, युवाओं और बड़ों में भी सामान्य हो गई है. इसका मुख्य कारण पोषक तत्वों की कमी है. उन्होंने बताया कि जन्म से एक वर्ष तक बच्चों को नियमित रूप से मां का दूध पिलाना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों को आवश्यक पोषण मिलता है और हड्डियां मजबूत होती हैं. साथ ही, बच्चा जल्दी अपने पैरों पर खड़ा होकर चलने लगता है.
ताजे फलों को डाइट में करें शामिल
डॉ. प्रभात ने बताया कि बच्चों के अलावा, बड़ों को भी नियमित रूप से दूध का सेवन करना चाहिए. दूध को एक संपूरक आहार माना जाता है. उन्होंने बताया कि शरीर में विटामिन ए, सी और डी की कमी भी हड्डियों को कमजोर बनाती है. विटामिन ए और सी की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में गाजर, संतरा और नींबू जैसे फल शामिल करने चाहिए. इसके अलावा, शकरकंद का सेवन भी फायदेमंद होता है, जो शरीर को पोषण देने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत करता है।
साथ ही, सूर्योदय से 4 घंटे के भीतर तक सुबह की धूप में बैठने से शरीर को प्राकृतिक विटामिन डी मिलता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है.
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FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 12:18 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें