वाराणसी: भारतीय लाइफस्टाइल में पान एक केवल उत्तम खाद्य सामाग्री नहीं है. बल्कि इसे एक स्टेट्स सिंबल के रूप में भी देखा जाता है. यही कारण है कि भारतीय फिल्मों में इसका महिमामंडन ‘खईके पान बनारस वाला’ और गोदौलिया का पान के रूप में खूब किया गया है. सबसे खास बात यह है कि पान खाने की परंपरा भारत में सदियों पुरानी है और इसके कई स्वास्थ्य लाभों का दावा भी किया जाता है.
पान खाने से ठीक हो सकते हैं मुंह के छाले
लोगों में एक आम धारणा है कि पान खाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं, लेकिन क्या यह वास्तव में सच है या फिर यह केवल एक सामाजिक किवदंती है? इस विषय पर बीएचयू के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य वैद्य सुशील दुबे ने इसके पीछे के वैज्ञानिक तथ्यों को उजागर किया. साथ ही लोगों को इसके बारे में जानकारी दी.
भारतीय समाज में पान खाने का चलन न केवल सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में प्रचलित है, बल्कि इसे कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. मुंह के छाले से पीड़ित लोग अक्सर यह दावा करते हैं कि पान खाने से उन्हें राहत मिली है. इसके पीछे की किवदंती यह है कि पान के पत्ते में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो मुंह के छाले को ठीक करने में सहायक होते हैं.
क्या है वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैद्य सुशील दुबे के अनुसार ‘पान के पत्ते में कई प्राकृतिक तत्व’ होते हैं जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं. इसके अलावा पान में प्रयोग होने वाला कत्था, लौंग और इलाइची में कसायशीत होता है जो मुंह के छालों के इन्फेक्शन को कम करता है, जिससे मुंह के छालों में काफी हद तक राहत मिलती है. आमतौर पर यदि मुंह में साधारण छाले हैं, तो 2 से 3 दिन तक पान के सेवन से इससे छुटकारा मिल जाता है.
पान में पाएं जाते है एंटीइंफ्लेमेटरी गुण
पान के पत्ते में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो छालों की सूजन और जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं. इससे छाले जल्दी ठीक हो सकते हैं. पान चबाने से मुंह में लार का उत्पादन बढ़ता है, जो मुंह को सूखा होने से बचाता है और छालों को जल्दी ठीक होने में मदद करता है. लार मुंह के अंदरूनी हिस्से को हाइड्रेटेड रखती है और घावों को सूखने से बचाती है.
जानें पान खाने से कब हो सकता है नुकसान
पान के पत्ते में कई लाभकारी गुण होते हैं, लेकिन पान में अन्य घटक, जैसे कि चूना, सुपारी का अगर नियमित रूप से सेवन किया जाए, तो वह मुंह के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. सुपारी में पाए जाने वाले कैंसरजनक तत्व मुंह के छालों को और खराब कर सकते हैं और लंबे समय में मुंह के कैंसर का कारण भी बन सकते हैं. चूना और कत्था का अत्यधिक सेवन मुंह के अंदरूनी हिस्सों को जलन और घाव का कारण बन सकता है, जिससे छाले और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं.
जानें पान खाने का सही तरीका
वैद्य सुशील ने सुझाव दिया कि अगर पान का सेवन छालों के लिए किया जा रहा है, तो इसे बिना चूना और सुपारी के लिया जाना चाहिए. केवल पान के पत्ते और उसमें कत्था लौंग इलाइची का बीड़ा बनाकर उसे चबाने से इसके फायदेमंद गुणों का लाभ उठाया जा सकता है, जबकि अन्य हानिकारक तत्वों से बचा जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 11:22 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें