27 C
Mumbai
September 17, 2024
Nyaaya News
Filter by Categories
Astro
Business
Crime
Earn Money
Editor's Picks
Education and Career
Entrainment
Epaper
Fashion
Fitness
Football
India
International
Life Style
Politics
Sport
Stars
Tech
Travel
Uncategorized
Viral
Image default
Astro

महादेव की अभय मुद्रा: इस मुद्रा में क्यों बनती हैं प्रतिमाएं? जानिए खासियत

हाइलाइट्ससंस्कृत में अभय का अर्थ निर्भयता है. यह मुद्रा सुरक्षा, शांति स्थापित करने और भय दूर करने यानी कि निडरता का प्रतीक है.

Significance Of Abhay Mudra : देवों के देव महादेव यानी भगवान शिव का प्रिय महीना सावन आने को है. इसकी तैयारी भी श्रद्धालु अभी से करने लगे हैं. लेकिन उससे भी पहले भगवान शिव की एक मुद्रा इन दिनों काफी चर्चा में है. यहां हम बात कर रहे हैं अभय मुद्रा की, जिसके बारे में हाल ही में संसद में भी खूब चर्चा हुई. दरअसल, हाल ही में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘अभय मुद्रा’ का जिक्र किया. आखिर क्या है अभय मुद्रा? इस मुद्रा में क्या कोई और भी मूर्ति बनी है और इस मुद्रा का लाभ और खासियत क्या है? ऐसे कई सवालों के जवाब इस लेख में जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

क्या है अभय मुद्रा?
आपको बता दें कि आमतौर पर इस मुद्रा का उपयोग योग और ध्यान में किया जाता है. भगवान शिव की अभयमुद्रा वाली तस्वीर आपको आसानी से इंटरनेट पर देखने को मिल जाएगी. इसके अलावा गुरु नानकदेव, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी को इस मुद्रा में आपने देखा होगा. इस मुद्रा में दाहिना हाथ कंधे की ऊंचाई तक उठा रहता है और हथेली को बाहर की तरफ और उंगलियों को सीधा रखते हुए दिखाया जाता है, जबकि बायां हाथ गोद में रहता है. इस मुद्रा का ज्यादातर उपयोग किसी को आशीर्वाद देते समय किया जाता है.

यह भी पढ़ें – लंबे बाल खूबसूरती में लगाते हैं 4 चांद, जानें अलग-अलग बाल वाली महिलाओं का कैसा होता है स्वभाव?

क्या है इसका अर्थ?
संस्कृत में अभय का अर्थ निर्भयता है. कहा जा सकता है कि यह मुद्रा सुरक्षा, शांति स्थापित करने और भय दूर करने यानी कि निडरता का प्रतीक है. भगवान शिव अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के दौरान इस मुद्रा का उपयोग करते हैं.

यह भी पढ़ें – सावन में इन 5 राशियों पर बरसेगी महादेव की कृपा, खुल सकता है किस्मत का ताला, क्या आप भी हैं उनमें से एक

क्या है इस मुद्रा का लाभ
आपने इस मुद्रा में तमिलनाडु की 11वीं सदी की चोल काल की नटराज की मूर्ति को भी देखा होगा. ऐसा कहा जाता है कि इस मुद्रा का पालन जो भी लोग करते हैं, उनके जीवन से सभी प्रकार की परेशानी दूर हो जाती है. इस मुद्रा का उपयोग योग और ध्यान केंद्रित करने के लिए भी किया जाता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lord Shiva

FIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 18:31 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

Related posts

सावन में दूध, दही सहित 5 चीजों से करें महादेव का अभिषेक, खुशियां आएंगी अपार!

nyaayaadmin

Aaj Ka Rashifal: जीवन में अपार सफलता लेकर आएगा आज का दिन, आत्मसंयम जरूरी

nyaayaadmin

हाथ की इस रेखा को न समझें साधारण, यही बनाती है आपको मालामाल!

nyaayaadmin