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फिरोज खान-फरदीन खान, राजेंद्र कुमार-कुमार गौरव, विनोद खन्ना-अक्षय खन्ना जैसे कई सितारों के बेटों के लिए इंडस्ट्री जगह तो जरूर बनाई, कोशिश में एक बार नहीं कई बार की. लेकिन वो सफल नहीं हो सके. आखिर में किसी ने इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया तो कोई पर्दे के पीछे काम करने लगा. लेकिन क्या आप उस दिग्गज एक्टर के बेटे को जानते हैं, जिन्होंने अपने पिता स्टारडम को पछाड़कर बॉलीवुड पर राज किया.
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फिरोज खान-फरदीन खान, राजेंद्र कुमार-कुमार गौरव, विनोद खन्ना-अक्षय खन्ना जैसे कई सितारों के बेटों के लिए इंडस्ट्री जगह तो जरूर बनाई, कोशिश में एक बार नहीं कई बार की. लेकिन वो सफल नहीं हो सके. आखिर में किसी ने इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया तो कोई पर्दे के पीछे काम करने लगा. लेकिन क्या आप उस दिग्गज एक्टर के बेटे को जानते हैं, जिन्होंने अपने पिता स्टारडम को पछाड़कर बॉलीवुड पर राज किया.
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बॉलीवुड का वो एक्शन हीरो, जिनको गुस्से में देख देशद्रोही कि हालत खराब हो जाती थी और दहाड़ सुनकर भीड़ में भी सन्नाटा पसर जाता था. जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म से बॉक्स ऑफिस पर परचम लहरा दिया था. ये हैं 80 के दशक में हिंदी फिल्मों में एंट्री करने वाले एंग्री यंग मैन और एक्शन हीरो सनी देओल, जिनके बोले हुए डायलॉग्स युवाओं के जुबान में रहते थे. ‘जब ये ढाई किलो का हाथ उठता है तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है’ सनी देओल का ये वो डायलॉग है, जिसको फैंस आज भी अक्सर अपनी बातचीत के बीच इस्तेमाल कर लेते हैं. फाइल फोटो.
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सनी बचपन से ही शरारती थे. उनका मन पढ़ाई में कम और खेलकूद में ज्यादा लगता था. बड़े होकर वह भी अपने पिता की तरह हीरो बनना चाहते थे. हालांकि, कम उम्र में चोरी से गाड़ी चलाने को लेकर कई बार सनी ने पिटाई भी खाई. तो कई बार स्कूल के दिनों में अपने पापा के कपड़ों को पहन जाते और उसकी शेखी अपने दोस्तो में दिखाते थे. फोटो साभार-@reddit
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एक दौर उनके जीवन का ऐसा भी आया, जब उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दी और लोगों ने ये कहना शुरू कर दिया कि वो दिन दूर नहीं जब सनी अपने पिता के स्टारडम को पछाड़ देगा. फोटो साभार-@reddit
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सनी का एक्टिंग के प्रति लगाव देखकर उनके पिता धर्मेंद्र ने उन्हें एक्टिंग की बारीकियां समझने के मकसद से उनका दाखिला लंदन के बर्मिंघम में एक ट्रेनिंग सेंटर में करा दिया. सनी देओल ने 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘बेताब’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जो सुपरहिट रही थी. फिल्म का डायरेक्शन राहुल रवैल ने किया था और अमृता सिंह इसमें सनी देओल की हीरोइन थीं.फोटो साभार-@IMDb
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1984 में ‘सोनी माहीवाल’ फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर खूब पसंद की गई. सोनी का किरदार जहां पूनम ढ़िल्लो ने निभाया था. वहीं, माहीवाल के किरदार में सनी थी. इस फिल्म के बाद से सनी की पहचान लवर बॉय के रूप में स्थापित हो गई. फोटो साभार-@reddit
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इसके बाद राहुल रवैल के निर्देशन में 1985 आई फिल्म ‘अर्जुन’ सनी के करियर के लिए ट्रर्निंग फिल्म साबित हुई. इस फिल्म ने उनकी इमेज को बदल दिया. एक लवर बॉय से एंग्री यंग मैन, गलत के खिलाफ आवाज उठाने वाले बेरोजगार युवा का किरदार निभाने वाले सनी उस दौरान सभी युवाओं की आवाज बन बैठे थे. इसके बाद फिल्म ‘जबरदस्त’ में भी उन्हें खूब पसंद किया गया. इसके बाद धीरे-धीरे सनी ने दर्शकों के दिलों में लवर बॉय विद लॉट्स ऑफ एग्रेशन के रुप में ऐसी छवि छोड़ी कि लाखों लोग उनके दीवाने हो गए. .फोटो साभार-@IMDb
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डेब्यू के बाद सनी देओल ने पहले 10 साल में 35 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर दीं. लेकिन इनमें सफल सिर्फ सोनी महिवाल, अर्जुन, पाप की दुनिया, वर्दी, त्रिदेव, चालबाज, घायल, विष्णु देवा, नरसिम्हा, विश्वात्मा, लुटेरे, दामिनी और डर ही रहीं, बाकी 22 फिल्मों में ब्लो एवरेज, फ्लॉप और डिजास्टर साबित हुईं. फोटो साभार-@reddit
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1994 से 2001 तक सनी देओल की 20 फिल्में आईं और इनमें 8 सफल रहीं, जबकि 12 फिल्में एवरेज से नीचे साबित हुईं. सनी देओल की पिछले 20 साल में 32 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुईं. इनमें से सक्सेसफुल सिर्फ 2 रहीं. 100 से ज्यादा फिल्मों में नजर आ चुके सन्नी देओल ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं.