केशव कुमार/ महासमुन्द:- प्रकृति ने मानव को औषधीय पेड़-पौधों के रूप में कई उपहार दिए हैं, जो धरती पर अमृत के समान है. इससे कई गंभीर बीमारियां भी ठीक होती हैं. आज हम अपने दैनिक जीवन में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का भारी उपयोग देखते हैं. हम उनका उपयोग दवाओं के रूप में, चाय के रूप में, भोजन के रूप में, सौंदर्य प्रसाधनों के रूप में करते हैं और कुछ की तो पूजा भी की जाती है.
बारिश का है बेसब्री से इंतजार
छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के क्षेत्र में फैले हरे-भरे इस सघन जंगल को भी बारिश का बेसब्री से इंतजार है. दरअसल बारिश के मौसम में यहां दुर्लभ औषधीय पौधे पनपते हैं, जो कई रूप में फायदेमंद साबित होते हैं. महासमुन्द जिला सबसे सघन जंगल के नाम से जाना जाता है, जहां बरसात के आगमन के साथ ही अनेक औषधीय पौधे उगने लगते हैं.
बरसात के साथ ही उगते हैं ये औषधीय पेड़-पौधे
आयुर्वेद डॉक्टर गणेश जगत ने लोकल18 को बताया कि सफेद मूसली, गुड़मार, आंधी फल, केंट, अकोल, भृंगराज वज्रदंती, गन्दोल और अन्य कई दुर्लभ प्रजातियों के औषधीय पौधे बरसात में उगते हैं, जो जानकारी के अभाव में नष्ट हो जाते हैं. बरसात में उगे कई पेड़ों की छाल काम आती है, तो किसी के पत्ते व जड़ स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं, जिनमें महुआ, आम, जामुन, जमाफल, करंज, चिरौंजी, तेंदू, बील, करघाई, कोंधा ,प्लास, सीताफल, करौंदा आदि पेड़ शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 11:08 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें