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प्रसव से पहले गर्भवती महिलाओं को 4 एएनसी कराना जरूरी, ऐसे रहे स्वस्थ

धौलपुर. जिले भर में स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, विशेषकर गर्भावस्था के दौरान होने वाले संक्रमणों और जटिलाओं की शीघ्र पहचान व इलाज के लिए ‘बॉर्न हेल्दी’ कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. कार्यक्रम का उद्देश्य विशेषकर, गर्भावस्था के दौरान होने वाली जटिलताओं की शीघ्र पहचान और इलाज के लिए सुचारू रूप से प्रबंधन कर मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है. जिले की सभी स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम को एएनसी सेवाओं का सुदृढ़ीकरण के प्रशिक्षण का आयोजन डेवलपमेंट पार्टनर जपाइगो द्वारा किया गया.

प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए उप मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतराम मीणा ने लोकल 18 को बताया कि गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व कम-से-कम चार एएनसी कराया जाना आवश्यक है. इस दौरान विभिन्न प्रकार के खून की जांच, यूरिन, मलेरिया, टाइफाइड, एचआईवी की जांच की जाती है. प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के दौरान भी विशेष जांच की जाती है. इस दौरान आरसीएचओ डॉ० शिवकुमार शर्मा ने कहा कि बॉर्न हेल्दी कार्यक्रम 2017 से 2022 तक जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. कार्यक्रम की सफलता और प्राप्त अच्छे परिणामों को ध्यान में रखते हुए द्वितीय चरण में यह कार्यक्रम साल 2022 तक यह नौ जिलों धौलपुर, भरतपुर, अलवर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बीकानेर, चूरू, पाबी एवं व्यावर प्रत्येक में संचालित किया जा रहा है. आ ए०एन० सी० का प्रशिक्षण ए० एन० एम० कर्मियों को दी जाती है जिससे वह नई दिशा-निर्देशों के प्रति अपडेट रहे.

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सम्पूर्ण एएनसी की ट्रेनिंग दी जाती है
उन्होंने बताया कि बच्चे और मां को टीकाकरण और एएनसी जांच के बाद आशा सहयोगिनी को सात दिन तक फालो-अप करना होता है. एचआईवी और सिफलिस की जांच श्वास केंद्र पर हो पाए, उसके लिए सभी ए.एन.एम- की थर्मल फ्लास्क दिया गया है. डीपीओ शशांक वशिष्ठ ने बताया कि यह प्रशिक्षण तीन दिवसीय है जिसमें सम्पूर्ण एएनसी की ट्रेनिंग दी जाती है. जपाइगो से राज्य प्रतिनिधि डॉ० अनुपमा आर्या ने गर्भ का आकलन और पेट की जांच के बारे में बताया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसवपूर्व सामूहिक देखभाल के तहत प्रसव काल और पोषण पर चर्चा की जाएगी. गर्भवती महिलाएं सामूहिक तौर पर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श और जानकारी साझा की जाएगी. मास्टर प्रशिक्षक के रूप में पंकज मुद्गल, पूजा मिश्रा, सीनीयर प्रोग्राम ऑफिसर जपाइगो, सुमित पुरी, प्रोग्राम कॉ ऑर्डिनेटर जपाङ्‌गो माड्यूल और स्किल पीपीटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में खण्ड धौलपुर, राजाखेड़ा की एएनएम और नर्सिंग ऑफिसर ने भाग लिया.

Tags: Dholpur news, Health News, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 13:46 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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