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नई दिल्ली. कोई भी घटना कितनी भी पुरानी क्यों न हो, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. चाहे वो अच्छी हो या बुरी. एक बार दिग्गज अभिनेता जैकी श्रॉफ उस दिन को याद करके बेहद भावुक हो गए थे, जब उनकी मां की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जैकी श्रॉफ ने एक इंटरव्यू में क्यों कहा था कि वो चाहते तो अपनी मां को बचा सकते थे? आइए, आपको बताते हैं पूरी कहानी.
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दरअसल, अपने एक इंटरव्यू में जैकी श्रॉफ ने कहा था, 'जब 8-9 साल था और जब मैं खांसता था तो मेरी मां उठ जाती थी और देखती थी… क्या हुआ बेटा ठीक तो है न? अगर वो खांसती थी तो मेरा भाई और मेरे डैडी उठ जाते और चेक करते थे कि सब ठीक तो है न? पानी दूं क्या?'
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जैकी ने आगे कहा, 'यहां पर मैंने पैसे कमा लिया और दीवारें बन गईं. मेरा बेडरूम बन गया. मैंने अपनी के लिए भी बेडरूम बना दिया और मुझे इस बात की खुशी हुई कि मैंने अपनी मां को एक बेडरूम दे रहा हूं, लेकिन हमारे बीच में दीवार आ गई.'
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उन्होंने ये भी कहा, 'दीवार खड़ी हो गई मेरे और मेरी मां के बीच में. उनका रात को हार्ट अटैक हो गया और उनका निधन हो गया सुबह. मतलब रात को ही जान छोड़ दी होगी बेचारी ने, अगर ये दीवारें न होतीं और मेरे पास खांसती तो शायद वो बच जाती.'
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जैकी का कहना था, 'अगर दीवारें न होती और वो खांसती तो मैं उसे उठाकर अस्पताल ले जाता. तो पैसे कमा लिए, दिवारें आ गईं बीच में… रिलेशन चला गया या रिलेशन तो वही था मगर एक नजदीकियां, एक दूसरे की सांस को मिलाकर.. एक ही रूम में सोना… वो चला गया.'
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बता दें, जैकी श्रॉफ पिछले 4 दशकों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं और आए दिन अपने दमदार अभिनय से लोगों का दिल जीतते नजर आ रहे हैं. उन्होंने साल 1982 में आई फिल्म 'स्वामी दादा' से बॉलीवुड में कदम रखा था, लेकिन असली पहचान उन्हें साल 1983 में आई फिल्म 'हीरो' से मिली.
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फिल्म 'हीरो' में उन्हें लीड रोल निभाने का मौका मिला था और इसलिए इसी फिल्म को उनका डेब्यू फिल्म भी माना जाता है. वर्कफ्रंट की बात करें तो जल्द ही वह रोहित शेट्टी की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'सिंघम अगेन' में नजर आने वाले हैं, जो इस साल दीवाली के मौके पर 1 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.