गोड्डा. मासिक महावारी के दौरान किशोरावस्था में लड़कियों और महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें पेट में दर्द, सिरदर्द, मूड स्विंग्स, और थकावट शामिल है. ये समस्याएं सामान्य होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती हैं, जैसे पीसीओडी (PCOD) के भी लक्षण हो सकते हैं. कई बार इस बीमारी के शुरूआती दौर में मरीज इसे नजरंदाज कर देते हैं. लेकिन इन लक्षणों के दिखाने के बाद आप घरेलू उपाय के साथ दैनिक जीवन के कई परहेज से भी इस बीमारी से बच सकते हैं. इसके साथ ही होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह से भी आप आसान उपचार से इस बीमारी से निजात पा सकते हैं.
गोड्डा के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ सुरभी ने लोकल 18 को बताया कि किसी भी किशोरी या महिलाओं को जब इस प्रकार का सिम्टम्स दिखे तो सबसे पहले अपने दैनिक रहन-सहन को सही करें, जैसे: समुचित पोषाहार लें, खाना पीना के समय को ठीक रखें. रोजाना कम से कम 1 घंटे का नियमित एक्सरसाइज करें. हरे साग, सब्जी और फल का सेवन अधिक से अधिक करें और किसी अच्छे होम्योपैथिक चिकित्सक से मिल कर सही परामर्श लें.
होमियोपैथिक में PCOD का आसान उपचार मौजुद
डॉ सुरभी ने बताया कि होमियोपैथिक में इस बिमारी का आसान उपचार मौजुद है. जहां आप दवाई के आसान डोज के साथ बिना किसी साइड इफेक्ट के सही उपचार करा सकते हैं. जहां इस बिमारी में कम से कम 3 से 4 महीने के नियमित दवाई सेवन के उपचार से अपनी बिमारी को समाप्त कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 10:35 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.