साल 1960 में एक ऐसी फिल्म बनी थी, जिसका डायरेक्टर फिल्म को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता था. फिल्म के एक गाने को बनाने के लिए ही उन्होंने उस दौर में 10 लाख रुपए खर्च कर दिए थे. हिंदी सिनेमा के वो बेहतरीन डायरेक्टर कोई और नहीं के. आसिफ थे.
साल 1960 में एक ऐसी फिल्म बनी थी, जिसका डायरेक्टर फिल्म को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता था. फिल्म के एक गाने को बनाने के लिए ही उन्होंने उस दौर में 10 लाख रुपए खर्च कर दिए थे. हिंदी सिनेमा के वो बेहतरीन डायरेक्टर कोई और नहीं के. आसिफ थे.