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July 4, 2024
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पति की लंबी आयु के लिए वट पूर्णिमा व्रत आज, इस विधि से करें पूजा, पढ़ें कथा

हाइलाइट्स21 जून को मनाई जा रही वट पूर्णिमा.सुहागिन महिला पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं व्रत.

Vat Purnima Vrat 2024 : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व माना गया है, यह दिन भगवान विष्णु के लिए समर्पित है. इस दिन व्रत रखा जाता है और पूरे विधि- विधान से उनकी पूजा की जाती है. लेकिन ज्येष्ठ महीने में आने वाली पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन कई स्थानों पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए वट पूर्णिमा का व्रत रखती हैं. जबकि, उत्तर भारत में वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है. वट सावित्री व्रत को लेकर मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. ऐसे में इसकी पूजा से तीनों देवों का आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से वट पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त और पौराणिक कथा.

वट पूर्णिमा व्रत की तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 21 जून, शुक्रवार की सुबह 7 बजकर 32 मिनट से होगा. वहीं इसका समापन 22 जून, शनिवार सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर होगा.

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इस विधि से करें पूजा
– इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें. इसके बाद स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें. ध्यान रहे इस दिन आप लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें. इसके बाद घर के आसपास वट वृक्ष स्थल पर पहुंचें. यहां वट वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं. फूल, चावल, गुड़, भीगे हुए चने, मिठाई आदि अर्पित करें. इसके बाद वट वृक्ष के चारों ओर सूत लपेटकर सात बार परिक्रमा करें. इसके बाद वट सावित्री की कथा सुनें. आखिर में प्रणाम करें और पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगें. इस दिन आप अपनी क्षमता अनुसार दान करें.

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वट सावित्री पूर्णिमा की कथा
इस खास दिन को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है. जिसके अनुसार, राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री सुंदर और चरित्रवान थीं. जिनका विवाह सत्यवान नामक युवक से हुआ था. सत्यवान भी भगवान के भक्त थे, लेकिन एक दिन सावित्री को पता चलता है कि उनके पति की आयु कम है, जिसके बाद सावित्री ने घोर तपस्या की. जब यमराज सत्यवान के प्राण लेने आए तो उन्होंने अपनी तपस्या और सतित्व की शक्ति से यमराज को पति को पुन: जीवित करने के लिए मजबूर कर दिया था, इसलिए विवाहित महिलाएं अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए वट सावित्री पूर्णिमा व्रत रखती हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion, Vat Savitri Vrat

FIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 06:35 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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