29 C
Mumbai
October 5, 2024
Nyaaya News
Filter by Categories
Astro
Business
Crime
Earn Money
Editor's Picks
Education and Career
Entrainment
Epaper
Fashion
Fitness
Football
India
International
Life Style
Politics
Sport
Stars
Tech
Travel
Uncategorized
Viral
Image default
Fitness

नीचे वाला बीपी 65 से कम हो तो यह है बेहद खतरनाक संकेत, छोटी हो जाएगी जिंदगी

Low diastolic BP: अक्सर जब बीपी की जांच की जाती है तो सामान्य तौर पर लोग उपर वाले बीपी पर ही ज्यादा ध्यान देते हैं. अगर उपर वाला बीपी 120 के आसपास है तो लोग समझते हैं कि ब्लड प्रेशर नहीं है. लेकिन नीचे वाला बीपी भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उपर वाला. पूरे शरीर में खून हर पल दौड़ता रहता है. और दौड़ाने का काम हार्ट करता है. जैसे ही हार्ट पंप करता है खून प्रेशर के साथ पूरे शरीर में पहुंच जाता है. जब हार्ट आराम की अवस्था में रहता है तब खून शरीर से हार्ट में आता है. जब हार्ट पंप करता है उस समय जो खून की नलियों, धमनियों पर प्रेशर बनता है उसे सिस्टोलिक प्रेशर यानी उपर वाला बीपी कहते हैं जब हार्ट आराम की अवस्था में रहता तब जो प्रेशर बनता है उसे डायस्टोलिक या नीचे वाला प्रेशर कहते हैं. सामान्य अवस्था में उपर वाला बीपी 120 और नीचे वाला 80 होना चाहिए लेकिन अगर नीचे वाला बीपी 65 से कम हो जाए तो यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है.

क्यों कम हो जाता है बीपी
फोर्टिस अस्पताल नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि सामान्य तौर पर नीचे वाला बीपी 65 या 60 से नीचे नहीं आता. ऐसा बहुत ही रेयर हो सकता है. अगर आ रहा है तो हमें देखना होगा कि किन कारणों से बीपी 65 से नीचे आ गया है. कई बार खून की नलियों में स्टीफनेस के कारण बीपी मशीन प्रेशर को सही से माप नहीं पाती. इसमें फॉल्स बीपी रीडिंग आ सकता है. वहीं कुछ समस्याओं जैसे कि हाइपोथायरॉयड या हाइपरडायनामिक और विटामिन डी की कमी से भी नीचे वाला ब्लड प्रेशर कम हो सकता है. इसके अलावा कुछ दवाइयों की वजह से भी नीचे वाला ब्लड प्रेशर कम हो सकता है.

अगर ये सब कारण नहीं है तो यह गंभीर स्थिति है. ऐसे में तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि अगर वास्तव में किसी का नीचे वाला बीपी 60 से कम है तो संकट ज्यादा बड़ी है क्योंकि ऐसे व्यक्तियों की आयु लंबी नहीं होती है. ऐसे व्यक्तियों में हार्ट में कई तरह के डैमेज कारण हो सकते हैं. इससे कोरोनरी हार्ट डिजीज होता है. कभी भी हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर की समस्या पैदा हो सकती है. इसलिए ऐसे लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. इस परिस्थिति में हमेशा डॉक्टरों के संपर्क में रहना भी अनिवार्य हो जाता है.

अगर ऐसा हो डॉक्टर के पास जाएं
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि अमीमन नीचे वाला बीपी 65 तक भी है तो बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ समय के बाद यह उपर चला जाता है लेकिन अगर इससे कम हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. वैसे तो 65 तक नीचे वाला बीपी होने पर किसी खास तरह के लक्षण नहीं दिखते. लेकिन जब इससे बीपी और नीचे गिरता है तो शरीर में लक्षण भी दिखने लगते हैं. इसमें बहुत अधिक थकान और कमजोरी रहने लगती है. हल्का काम करने पर भी बहुत अधिक थकान होने लगती है. इस स्थिति में दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है. कभी-कभी कमजोरी या थकान से बेहोशी भी हो जाती है. हर पल निराशा, चिंता और बेचैनी रहती है.

इसे भी पढ़ें-खून के कतरे-कतरे से गंदी चीजों को निकालकर दम लेता है यह तेल, चेहरे पर टपकने लगता है नूर और कोलेस्ट्रॉल की करता है छुट्टी

इसे भी पढ़ें-इतना मुश्किल भी नहीं पॉजिटिव माइंडसेट बनाना, 7 आसान टिप्स अपना कर रह सकते हैं खुश, जिंदगी को बना सकते हैं खुशनुमा

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 17:02 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

Related posts

4 सप्ताह से अधिक पेट की अफरा-तफरी बन सकती है घातक बीमारी, डॉक्टर से जानें

nyaayaadmin

इस उम्र की 45% महिलाएं 2030 तक हो जाएंगी सिंगल ! मां बनने का ट्रेंड भी घटेगा

nyaayaadmin

मोटापे की हमेशा के लिए हो जाएगी छुट्टी..! डाइट में शामिल करें 7 वेजिटेरियन फूड

nyaayaadmin