01
अमिताभ बच्चन ने साल 2016 इस स्कैम में पूरी तरह से क्लीन चिट मिलने के बाद एक लंबा पोस्ट लिखा था. इस पोस्ट में उन्होंने अपने पूरे मामले को बताया और क्लीन मिटने पर राहत की सांस भी ली. इस स्कैम में नाम आने के बाद अमिताभ ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया था. उनकी फिल्में भी नहीं चल रही थी.
02
हम जिस इंटरनेशनल स्कैंडल की बात कर रहे हैं, वो है बोफोर्स घोटाला. साल 1986 में भारत सरकार और हथियार बनाने वाली स्वीडन की कंपनी एबी बोफोर्स ने 1437 करोड़ रुपए की डील की. इसके तहत स्वीडिश कंपनी, भारत को 155 एमएम की 400 होवित्जर तोप देनी थी.
03
अप्रैल 1987 में एक स्वीडिश रेडियो ने दावा किया कि भारत के बड़े नेताओं और रक्षा विभाग के अधिकारियों ने 60 करोड़ रुपए की रिश्वत ली है. राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे. कांग्रेस की सरकार थी. अमिताभ कांग्रेस की और इलाहाबाद से लोकसभा सांसद थे.
04
अमिताभ बच्चन का नाम भी इस घोटाले में शामिल हुआ. राजीव गांधी उनके दोस्त थे. घोटाले में नाम आने के बाद अमिताभ ने जुलाई 1987 में अपनी सीट से रिजाइन दे दिया. बोफोर्स में फंसने के बाद अमिताभ का करियर बिगड़ने लगा. अमिताभ लगातार कहते रहे कि उन्हें फंसाया गया है.
05
अमिताभ बच्चन को फिल्में मिलना कम हो गई. 90 का दौर आ चुका था. अजय देवगन, अक्षय कुमार, शाहरुख जैसे स्टार्स को लोग पसंद कर रहे थे. अमिताभ इस दौरान भारी कर्ज में डूब गए. उनका प्रोडक्शन हाउस अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड को भारी घाटा हुआ.
06
भारतीय और स्वीडिश कोर्ट में सुनवाइयों के कई दौर हुए अमिताभ बच्चन पर बोफोर्स स्कैंडल का साया मंडराता रहा. साल 2012 में बोफोर्स केस में स्वीडिश व्हिसब्लोवर स्टेन लिंड्स्टॉर्म, जोकि पूर्व स्वीडिश पुलिस चीफ थे, ने कहा कि अमिताभ बच्चन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. कोर्ट ने भी अमिताभ बच्चन को क्लीन चिट दी.
07
अमिताभ बच्चन ने 2016 में अपने ब्लॉग में बताया कि बोफोर्मस मामले ने उन्हें 25 साल तक दुख दिया. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा, "जब मेरी फैमिली और मुझ पर बोफोर्स घोटाले के आरोप लगाए गए, तो उन्होंने हमारे अस्तित्व के हर पहलू को अब तक के सबसे काले रंगों से रंग दिया…
08
अमिताभ बच्चन ने आगे लिखा, "25 साल बाद, इस घटना के प्रोस्क्यूटर ने सच्चाई सार्वजनिक की- बच्चन फैमिली का नाम 'प्लांट' किया गया था!! 25 साल बाद…!! जब इसका खुलासा होता है, तो वे मुझसे मेरी प्रतिक्रिया पूछते हैं! मैं क्या प्रतिक्रिया दूं… क्या कहूं… किससे कहूं… क्या वे 25 साल का दर्द मिटा पाएंगे… क्या वे बदनामी के दाग को हल्का कर पाएंगे…”