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दशहरा पर करें इस देवी की पूजा, कठिन काम भी होंगे सफल, बढ़ेगी सुख-समृद्धि!

इस साल दशहरा का त्योहार 12 अक्टूबर शनिवार को है. दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं. हिंदू कैलेंडर के अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाते हैं. पौराणिक क​था के अनुसार, दशमी के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था, जिससे अधर्म पर धर्म की जीत हुई थी. इस वजह से हर साल इस तिथि को दशहरा मनाते हैं. वहीं मां दुर्गा ने दशमी को महिषासुर का वध किया था. इस वजह से भी यह दिन महत्वपूर्ण है. दशहरा के दिन आप देवी अपराजिता की पूजा करत हैं तो आपको कठिन से कठिन कार्यों में सफलता प्राप्त होगी और दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे. कहा जाता है कि रावण पर विजय के लिए प्रभु राम ने भी देवी अपराजिता की पूजा की थी. दशहरा के अवसर पर शमी के पेड़ और शस्त्रों की भी पूजा करते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं दशहरा पूजा उपाय के बारे में. दशहरा पर देवी अपराजिता की पूजा का मुहूर्त, मंत्र और विधि के बारे में.

दशहरा 2024 तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, 12 अक्टूबर शनिवार को सुबह 10:58 बजे से अश्विन शुक्ल दशमी तिथि का शुभारंभ होगा और यह तिथि 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे खत्म होगी.

यह भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि में कब करें हवन? जानें विधि, सामग्री, मुहूर्त, मंत्र और महत्व

दशहरा पूजा 2024 मुहूर्त
12 अक्टूबर को दशहरा की पूजा विजय मुहूर्त में करते हैं. विजय मुहूर्त दोपहर में 02:03 बजे से 02:49 बजे तक है. विजय मुहूर्त में देवी अपराजिता की पूजा की जाएगी. इस समय में दशहरा शस्त्र पूजा भी होगी. देवी अपराजिता की पूजा करने से व्यक्ति को 10 दिशाओं में विजय प्राप्त होती है. व्यक्ति को हर शुभ कार्य में सफलता प्राप्त होती है.

दशहरा पूजा मंत्र
दशहरा पर पूजा के लिए देवी अपराजिता का मंत्र है- ओम अपराजितायै नम:
इसके अलावा आप चाहें तो अपराजिता स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.

दशहरा 2024: देवी अपराजिता पूजा विधि
दशहरा पर सुबह में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें. फिर दशहरा पूजा का संकल्प करें. उसके बाद दोपहर को विजय मुहूर्त में पूजा स्थान पर देवी अपराजिता की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. उनका गंगाजल से अभिषेक करें. फिर ओम अपराजितायै नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए देवी अपराजिता को फूल, अक्षत्, कुमकुम, फल, धूप, दीप, नैवेद्य, गंध आदि अर्पित करें.

यह भी पढ़ें: दुर्गा अष्टमी-महा नवमी साथ, करें मां महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा, जानें विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग

आप चाहें तो इसके बाद अर्गला स्तोत्र, देवी कवच और देवी सूक्तम का पाठ कर सकते हैं. पूजा का समापन देवी अपराजिता की आरती से करें. देवी अपराजिता की कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी, आपका घर सुख और समृद्धि से भर जाएगा.

दशहरा पर करें शमी के पेड़ की पूजा
दशहरा के दिन देवी अपराजिता के अलावा शमी के पेड़ की भी पूजा करते हैं. इस दिन शमी पूजा करने से धन, सुख, समृद्धि बढ़ती है. शमी के पेड़ के नीचे रंगोली बनाएं और एक दीपक जलाएं. उसके बाद शमी के कुछ पत्तों को तोड़कर घरवालों में बांटते हैं. ऐसा करने से धन, समृद्धि बढ़ती है. दुख दूर होते हैं. शनि देव की भी कृपा प्राप्त होती है. शमी पूजा से ग्रह दोष और नकारात्मकता दूर होगी.

Tags: Dharma Aastha, Durga Puja festival, Dussehra Festival, Navratri festival, Religion

FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 08:43 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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