दमोह. बुंदेलखंड इलाके में पान को बड़े ही चाव के साथ खाया जाता है. पान के पत्ते आयुर्वेद में कई बीमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार माने जाते हैं. इनके नियमित सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है. पान के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करते हैं. इतना ही नहीं दांतों और मसूड़ों की समस्याओं से राहत दिलाते हैं. इसके अलावा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
कई तरह के पोष्टिक तत्वों से भरपूर है ये हरा पत्ता
दरसअल, पान के पत्ते में अत्यधिक पौष्टिक तत्व होते हैं. इसमें चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए थोड़ी संख्या में विटामिन, खनिज, एंजाइम, आवश्यक तेल और त्वरित-अभिनय बायोएक्टिव पदार्थ शामिल होते हैं, इसलिए यह पत्ता हरे रंग का होता है. इसमें नमी 85-90%, क्लोरोफिल 0.01–0.25%, प्रोटीन 3–3.5%, खनिज 2.3–3.3%, वसा 0.4–1.0%, फाइबर 2.3% मौजूद होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है.
मुंह की देखभाल करने में है सहायक
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. अनुराग अहिरवार ने Local 18 से बातचीत के दौरान बताया कि पहले तो पान की आकृति को देखा जाये तो ये दिल के समान होती है. इसका मतलब ये दिल के मरीजों के लिए लाभकारी औषधि है. इसका सेवन करने से पहले इसे अच्छे से साफ पानी से धुल लें और इसमें सिर्फ चूना लगाकर ही सेवन करें, तभी यह औषधि के रूप में काम करेगा. अन्य पान मसालों के साथ इसका सेवन न करें. इसके अलावा पान के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं. इसमें मौजूद कुछ तत्व तनाव कम करने में भी मदद करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 13:38 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.