गुमला. अमूमन हम लोग बीमारियों से बचाव व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने या सर्दी जुकाम में तुलसी की पतियों का काढ़ा बनाकर सेवन करते हैं. साथ ही तुलसी की पत्तियों को चबाने से भी कई बीमारियों से बचाव होता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि तुलसी की मंजरी खाने के भी कई फायदे हैं. आप भी यदि तुलसी की छटाई करें, तो मंजरी को फेकें नहीं, क्योंकि सेहत के लिहाज से ये भी काफी फायदेमंद होती है.
तुलसी की मंजरी में भरपूर मात्रा में एंटीबायोटिक, एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ-साथ कई ऐसे एसिड पाए जाते हैं, जो हमारे वजन को कम करने से लेकर इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं. मंजरी को पानी में डालकर उबाल कर पीने से सर्दी, जुकाम, खांसी आदि में आराम मिलता है. इसके अलावा और अन्य कई बिमारियों में लाभप्रद है. तुलसी की मंजरी वजन कम करने, साइनस, कब्ज दूर करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी काम करती है.
आयुर्वेदाचार्य पंकज कुमार ने लोकल 18 को बताया कि तुलसी की मंजरी का उपयोग हमलोग चाय या इसका फॉन्ट बनाकर करते हैं. तुलसी की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन मुख्य रूप से 5 विशेष हैं. हमारे यहां मूल रुप से कृष्णा या काली तुलसी और दूसरी सादी या श्वेत तुलसी बहुतायत रूप से पाई जाती है. इसकी मंजरी मूल रुप से ज्वर का कार्य करती है, यदि किसी को हल्का फुल्का बुखार हो तो इसकी मंजरी की चाय का सेवन करते हैं. यह ज्वर के नाशक में बहुत अच्छा कार्य करती है.
बलगम बंद करने में कारगर
इसके अलावा यदि किसी का बहुत पुराना व गंभीर घाव है. यदि ऐसे में तुलसी की मंजरी का पेस्ट बनाकर लेप किया जाए तो जल्द ही राहत मिलती है. बलगम बंद करने के लिए कफ के समन के लिए गुड़ के साथ मिश्रण कर प्रयोग करते हैं तो कफ के नाश में बहुत अच्छा रोल निभाती है. इसके साथ ही यह अग्निप्रदीपन का काम भी करती है.
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FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 12:58 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.