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घर में पुरुष सदस्य नहीं तो कौन करें श्राद्ध? यहां जानें पितृ शांति के उपाय

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष का प्रारंभ 17 सितंबर यानी मंगलवार से हो रहा है. यह क्रम दो अक्तूबर को पितृ विसर्जन अमावस्या तक चलेगा. पितृ पक्ष के दौरान 16 दिन तक लोग अपने पितरों को याद कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, दान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि आदि करते हैं. इससे पितर खुश होते हैं और तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. लेकिन, अगर किसी के परिवार में पुरुष सदस्य न हो तो कौन करें श्राद्ध? पितृ शांति के लिए क्या करें? इसको लेकर तमाम लोग भ्रमित रहते हैं. इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए News18 ने प्रताप विहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी से बात की. आइए जानते हैं उनकी जुवानी-

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस बार चतुर्दशी तिथि 17 सितंबर को पूर्वाह्न 11.44 बजे तक है, उसके बाद पूर्णिमा तिथि लग जाएगी. इसलिए दोपहर में पूर्णिमा का श्राद्ध होगा. इस बार किसी भी तिथि क्षय न होने से पूरे 16 दिन के श्राद्ध होंगे.

घर पुरुष नहीं तो ये भी कर सकते श्राद्ध

शास्त्रों में श्राद्ध करने का पहला अधिकार बड़े पुत्र को दिया गया है. यदि बेटा शादीशुदा है तो उसे पत्नी संग मिलकर श्राद्ध तर्पण करना चाहिए. वहीं, बड़ा बेटा जीवित न होने पर छोटा पुत्र श्राद्ध का हकदार है. यदि किसी के परिवार में कोई पुरुष नहीं है बेटी ही हो, तो ऐसे में बेटी का बेटा यानी नवासा श्राद्ध कर्म करने का अधिकार रखता है. यदि ये भी संभव न हो तो पुत्री, दामाद या फिर की बहू श्राद्ध कर सकती है.

पितृ शांति के करें उपाय

पितृ पक्ष पितरों की शांति के लिए ही होता है. इस दौरान तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध और दान तो किया ही जाता है, लेकिन कुछ अन्य उपाय भी किया जा सकता है. इसके लिए प्रतिदिन एक माला ऊं पितृ देवताभ्यो नम: जाप के साथ करें. इसके अलावा, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय, गायत्री मंत्र का भी जाप करना चाहिए. ऐसा करने से पितृों को शांति मिलती है, जिससे वे धरती आकर आपको आशीर्वाद देंगे.

कौआ, गाय और कुत्ता को क्यों देते भोजन

धर्म शास्त्रों में गाय को वैतरिणी पार करने वाली, कौआ भविष्यवक्ता और कुत्ते को अनिष्ट का संकेतक माना गया है. इसलिए, श्राद्ध में इनको भोजन देने का विधान है. दरअसल, माना जाता है कि, हमें पता नहीं होता कि मृत्यु के बाद हमारे पितर किस योनि में गए, इसलिए प्रतीकात्मक रूप से गाय, कुत्ते और कौआ को भोजन दिया जाता है.

ये भी पढ़ें: पितरों का तर्पण जल और तिल से ही क्यों? कितनी पीढ़ियों तक का होता है श्राद्ध, पंडित जी से जानें कौन कर सकता तर्पण

ये भी पढ़ें: Pitru Paksha 2024: ये 5 संकेत बताते हैं कि आपसे नाराज हैं पितर, अगर घर में दिखें तो तुरंत हों सावधान, वरना…

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Pitru Paksha

FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 10:50 IST News18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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