How to reduce Migraine Pain: गर्मी में तेज धूप में घूमने से हीट स्ट्रोक तो होता ही है, साथ ही सिरदर्द भी होने लगता है. उन लोगों की मुसीबत तो और बढ़ जाती है, जिन्हें माइग्रेन की समस्या है. माइग्रेन का दर्द जब ट्रिगर होता है तो बर्दाश्त नहीं होता. कई कारणों से माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है. आयुर्वेदा और गट हेल्थ कोच डॉ. डिंपल जंगड़ा के अनुसार, शरीर में जब वात (वायु) और पित्त (अग्नि) दोनों असंतुलित हो जाता है, तब माइग्रेन होता है. आयुर्वेद में इसे सूर्यावर्त (Sooryavarta) कहा जाता है. इसका अर्थ है सूर्य को कष्ट या अवरोध देना. माइग्रेन अक्सर सूर्य के चक्र की नकल करता है, पीक आवर्स के दौरान बढ़ जाता है और शाम में कम हो जाता है. हालांकि, जरूरी नहीं कि सभी के साथ ऐसा हो.
क्यों होता है माइग्रेन?
डॉ. डिंपल जंगड़ा के अनुसार, माइग्रेन मस्तिष्क और रक्त वाहिकाओं की अत्यधिक उत्तेजना के कारण होता है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, मतली, रोशनी और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता आदि शामिल होते हैं. आप नीचे बताए गए 3 तरीकों से काफी हद तक माइग्रेन के लक्षणों को कम कर सकते हैं.
माइग्रेन के लक्षणों को कम करेंगे ये तरीके
1. नाड़ी शोधन
अपनी दाहिनी नासिका (जो सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है) को अपनी दाहिनी उंगली से बंद करें. 5 मिनट के लिए अपनी बाईं नासिका (चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है, जो शरीर का ठंडे पक्ष ) के जरिए धीरे-धीरे गहरी सांस लें और बाहर छोड़ दें. इस अभ्यास को हर घंटे दोहराएं. यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को शांत करता है. शरीर की गर्मी को भी कम करने में मदद करता है.
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2. भीगे बादाम, किशमिस खाएं
माइग्रेन के दर्द से सिर फटा जा रहा है तो आप भीगे हुए बादाम और किशमिश का सेवन कुछ दिनों के लिए करके देखें. इसके लिए आप 5 बाजाम और 5 काली किशमिश को पानी में डुबाकर रख दें. सुबह इसका सेवन कर लें. बादाम में मैग्नीशियम होता है जो रक्त वाहिकाओं को आराम देकर आपके शरीर को सिरदर्द से बचाने में मदद करता है. भिगोई हुई किशमिश का लगातार 12 सप्ताह तक सेवन करने से शरीर में बढ़े हुए वात (वायु) के साथ-साथ अतिरिक्त पित्त (अग्नि) को कम करने में मदद मिलती है. साथ ही माइग्रेन से जुड़े सभी लक्षण जैसे एसिडिटी, मतली, जलन, एक तरफा सिरदर्द, गर्मी आदि को शांत करता है.
3. भीगे हुए धनिया के बीजों का सेवन
एक चम्मच धनिये के बीज को एक गिलास पानी में भिगो दें. अगली सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में धनिया के ताजे बीजों को गर्म पानी में डालकर भाप लेने से साइनस के प्रेशर और सिरदर्द से राहत पा सकते हैं. धनिये के बीजों को चबाकर भोजन में या चाय में उबालकर इस्तेमाल किया जा सकता है. आप मीठी तुलसी के बीज (सब्जा) को एक बोतल पानी में भिगोकर पूरे दिन पीते रहेंगे तो भी काफी हद तक माइग्रेन के दर्द से राहत मिल सकता है.
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मसाज करने से भी मिलेगा आराम
कूलिंग तेल जैसे नारियल का तेल या फिर घी से मसाज करने से भी माइग्रेन के लक्षण कम हो सकते हैं. सिर का मसाज करने से स्ट्रेस और टेंशन कम होता है. साथ ही ये सिरदर्द या माइग्रेन के दर्द, ब्लड प्रेशर को भी कम करने में कारगर साबित हो सकता है. मालिश करने से सिर और गर्दन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है.
Tags: Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 08:34 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें