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क्या सच में काम करता है “साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड” ? एक्सपर्ट ने बताया सबकुछ

जोधपुर:- तनाव बीमारी है या अवस्था, चिकित्सा जगत में आज भी यह मंथन जारी है. कई संस्थाएं तमाम प्रकार के अपने-अपने दावे सिद्ध करती आई हैं. ऐसे में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती घटनाओं के बीच “साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड” (PFA) एक महत्वपूर्ण उपकरण बनकर उभरा है. लेकिन यह “साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड” क्या है और यह कैसे काम करता है. डॉ. संजय गहलोत वरिष्ठ मस्तिष्क और मनोरोग विशेषज्ञों ने इसके महत्व और प्रभावशीलता पर विस्तार से जानकारी दी है.

क्या है साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड
साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड (PFA) एक ऐसी तकनीक है, जिसे तनावपूर्ण या आघातपूर्ण घटनाओं के बाद तुरंत मानसिक और भावनात्मक समर्थन देने के लिए विकसित किया गया है. इसका उद्देश्य उन लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करना है, जो अचानक किसी मुश्किल परिस्थिति का सामना कर रहे हो, जैसे प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं, या व्यक्तिगत आघात के बाद आदि.

कैसे काम करता है साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड
डॉ. संजय गहलोत वरिष्ठ मस्तिष्क और मनोरोग विशेषज्ञ ने लोकल 18 को बताया कि PFA का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति की मौजूदा मानसिक स्थिति को स्थिर करना, सुरक्षा और आराम प्रदान करना और उन्हें आगे की मदद के लिए प्रेरित करना है. इसे लागू करने के कुछ महत्वपूर्ण चरण इस प्रकार हैं. सबसे पहले व्यक्ति से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी बातों को बिना किसी निर्णय के ध्यान से सुनना. व्यक्ति को यह महसूस कराता है कि वह अकेला नहीं है. व्यक्ति को यह विश्वास दिलाना कि वह सुरक्षित है और उसकी भावनाओं को समझा जा रहा है, यह उनके तनाव को कम करने में मदद करता है.

तुरंत आवश्यक जरूरतों को पूरा करना, जैसे कि पानी, भोजन, या आश्रय की व्यवस्था करना, यह व्यक्ति को सुरक्षित महसूस कराता है. व्यक्ति को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका देना और उन्हें यह बताना कि यह एक सामान्य प्रतिक्रिया है. व्यक्ति को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना और उन्हें उपयुक्त पेशेवर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करना.

कितने फीसद है तनाव में कारगर
विशेषज्ञों के अनुसार, साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड तनावपूर्ण स्थितियों में लगभग 60-70 फीसद मामलों में तुरंत प्रभावी साबित होता है. इसका मतलब यह है कि PFA का उपयोग करने से अधिकांश लोग तुरंत बेहतर महसूस करने लगते हैं और उनके तनाव के स्तर में कमी आती है. हालांकि PFA का दीर्घकालिक प्रभाव व्यक्तियों पर निर्भर करता है और इसे नियमित मानसिक स्वास्थ्य समर्थन के साथ मिलाकर उपयोग करने की आवश्यकता हो सकती है.

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क्या है विशेषज्ञ की राय
डॉ. संजय गहलोत वरिष्ठ मस्तिष्क एवं मनोरोग विशेषज्ञ का कहना है कि PFA एक तात्कालिक और प्रभावी तकनीक है, जो तनावपूर्ण परिस्थितियों में तुरंत राहत प्रदान करती है. यह उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिन्हें तुरंत मानसिक और भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता होती है. हालांकि इसे मानसिक स्वास्थ्य के दीर्घकालिक प्रबंधन के साथ जोड़ना आवश्यक है.

Tags: Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 15:51 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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