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क्‍या आपको भी मेनोपॉज से लगता है डर? जान लें इसके 6 जबरदस्‍त फायदे

Positive aspects of menopause: मेनोपॉज महिलाओं (Women Health) के जीवन में आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच आता है. कई महिलाओं के लिए मेनोपॉज एक नए जीवन की तरह होता है, जिसमें उनका पूरा लाइफस्‍टाइल ही बदल जाता है. महिलाएं इस दौरान अगर खुद का सही ख्‍याल न रखें तो उन्‍हें कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है. इन परेशानियों की वजह से मेनोपॉज को लेकर लोगों में आम धारणा बन गई है कि मेनोपॉज किसी महिला के यूथफुल लाइफ का अंत है. ऐसी कई अवधारणाएं महिलाओं में डिप्रेशन और एंजायटी की वजह बन जाती हैं. लेकिन आपको बता दें कि अगर आप मेनोपॉज के सकारात्‍मक पहलुओं पर नजर डालें तो यह उनके लाइफ का नेक्‍स्‍ट लेवल होता है, जहां वे अक्सर स्वतंत्रता, भावनात्मक स्थिरता और अपने समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने का अनुभव करती हैं. तो आइए जानते हैं कि मेनोपॉज के क्‍या-क्‍या फायदे हैं.

मेनोपॉज से जुड़ी कुछ पॉजिटिव बातें (Positive aspects of menopause)

पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा– इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक, मेनोपॉज को तब पुर्ण माना जाता है जब 12 महीने तक पीरियड्स न आए. यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है जिन्हें अनियमित पीरियड्स और दर्द से जूझना पड़ता है या जिन्‍हें भारी रक्तस्राव होता है. इस तरह मेनोपॉज के दौरान मासिक धर्म समाप्त होने से कई महिलाएं राहत महसूस करती हैं.

पैड्स खरीदने की चिंता खत्‍मआपको हर वक्‍त बैग में इमरजेंसी सैनिटरी प्रोडक्ट्स रखने की जरूरत नहीं पड़ती. कहीं बाहर जाते वक्‍त आपको यह बार-बार सोचना नहीं पड़ता कि बाथरूम कहां है या एक्‍स्‍ट्रा कपड़े ले जाना चाहिए या नहीं. इसके साथ ही, सैनिटरी प्रोडक्ट्स न खरीदने से आप पैसे भी बचा लेती हैं.

सोशल होने की आजादीकई महिलाएं पीरियड्स की वजह से सोशल इवेंट्स पर नहीं जा पातीं. लेकिन मेनोपॉज के कारण पीरियड्स की चिंता दूर होती है और महिलाएं अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अधिक गहरे और मजबूत रिश्ते बनाने में सक्षम हो पाती हैं.

इसे भी पढें: क्‍या होता है पीरियड फ्लू? महिलाएं क्‍यों ऐसी परेशानी से होती हैं दो-चार? जानिए इसके लक्षण और उपाय

गर्भधारण की चिंता खत्‍ममेनोपॉज के बाद महिलाएं गर्भधारण के लिए चिंतित नहीं होतीं. यह एक स्वतंत्रता का अनुभव जैसा हो सकता है, जिससे वे अपने शरीर को अपनी मर्जी से इस्‍तेमाल कर सकती हैं और वो भी चिंता फ्री होकर. इस तरह वे अपनी सेहत पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर पाती हैं.

हार्मोनल बदलाव से छुटकाराहर महीने महिलाएं हार्मोनल उतार-चढ़ाव से गुजरती हैं. हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण वे मूड स्विंग जैसे भावनात्‍मक बदलाव भी महसूस करती हैं. लेकिन अधिकतर महिलाएं मेनोपॉज के बाद स्‍टेबल महसूस करती हैं और इस वजह से उन्‍हें डिसीजन लेने में भी कम परेशानी होती है.

सेल्‍फ केयर के लिए समयएक शोध में यह पाया गया कि महिलाएं मेनोपॉज के बाद दूसरों से अधिक अपना ख्‍याल रखने पर फोकस कर पाती हैं. अपनी सेहत, वर्कआउट रुटीन, ट्रैवल, सोशल गैदरिंग. यही नहीं, वे हर काम पहले की तुलना में अधिक आत्‍मविश्‍वास के साथ कर पाती हैं.

इसे भी पढ़ें:40 के बाद महिलाओं के शरीर में होते हैं ये बदलाव, सामान्य हैं ये मानसिक और शारीरिक परिवर्तन, जानें हेल्‍दी रहने के तरीके

इस तरह कह सकते हैं कि वैसे तो मेनोपॉज के साथ महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, और उनके स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ता है. लेकिन अगर भरपूर आराम पर ध्‍यान दें, वर्कआउट और हेल्‍दी डाइट को अपनाएं और सेल्‍फकेयर को वैल्‍यू दें, तो वे इस उम्र को अपने हर उम्र की तुलना में अधिक एंज्‍वॉय कर सकती हैं.

Tags: Female Health, Health, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : October 13, 2024, 18:58 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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