कन्नौज: देश में बदलते समय के साथ आज हर व्यक्ति अपने आप को कामयाब के साथ सुंदर भी दिखाना चाहता है. इसलिए लोग तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स और तरह-तरह की खुशबू का भी प्रयोग लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए करते हैं, जो खुशबू तो देती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह आपके स्किन के लिए कितना नुकसान दे होता है. जानें इस रिपोर्ट में स्किन एक्सपर्ट ने क्या कहा?
जानें स्किन एक्सपर्ट ने क्या कहा
स्किन एक्सपर्ट डॉ. शक्ति बसु बताते हैं कि इत्र एक तरह का एसेंशियल ऑयल है. अगर यह नेचुरल मिलता है तो यह बहुत ही फायदेमंद होता है. वहीं, इसके विपरीत अगर इसमें केमिकल का प्रयोग हो और इसका उपयोग किया गया तो यह त्वचा के लिए बहुत हानिकारक भी हो सकता है. बहुत से ऐसे नेचुरल इत्र हैं, जो अरोमा थेरेपी में बहुत कारगर होते हैं. वहीं, इसके अलग केमिकल वाले इत्र में बहुत ज्यादा खुशबू होती है. वह लोगों को खुशबू के साथ-साथ शरीर में कई तरह की बीमारी होने का खतरा भी पैदा करती है.
जानें नेचुरल इत्र के फायदे
इत्र अगर शुद्ध और पूरी तरह से नेचुरल है, तो उसके बहुत सारे फायदे होते हैं. कई तरह के इत्र अरोमा थेरेपी में एसेंशियल ऑयल के रूप में कम आता है, जिसमें घुटनों का दर्द सहित हड्डियों से जुड़ी कई समस्याएं प्रमुख रहती है. वहीं, नेचुरल इत्र खुशबू भी ऐसे देता है, जिसमें दिमाग को शांति मिलती है. शरीर में भी ताजगी का एहसास होता रहता है. वहीं, स्किन पर इसका किसी भी तरह के साइड इफेक्ट होने की संभावना न के बराबर होती है.
जानें केमिकल युक्त इत्र के नुकसान
आज खुशबुओं से मार्केट भरी पड़ी है. वहीं लोग तेज खुशबू को पसंद करते हैं. ऐसे में यह खुशबू केमिकल का प्रयोग करके अगर बनी होगी तो यह फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकती है. इसमें स्किन में खुजली, कुछ दाग या दाने जैसी समस्या हो सकती है. वहीं, इसकी तेज दुर्गंध आपकी सांसों के सहारे दिमाग में चढ़ आपको हेडेक और फ्रस्ट्रेशन जैसी समस्या को बढ़ा सकती है.
जानें क्या बोले एक्सपर्ट
स्किन एक्सपर्ट डॉ. शक्ति बसु बताते हैं कि नेचुरल और केमिकल वाली खुशबू में बहुत ज्यादा फर्क होता है. अगर नेचुरल इत्र है, जिसको हम लोग एसेंशियल ऑयल के रूप में भी जानते हैं, तो यह बहुत ही कारगर होती है. तमाम तरह की हड्डियों से जुड़ी बीमारियों और मानसिक तनाव से जुड़ी बीमारियों में यह काम भी आती है.
कन्नौज का इत्र बनता है यहां
वहीं, अगर इसमें केमिकल का प्रयोग होता है, तो यह फायदे की जगह त्वचा और शरीर के लिए नुकसान देह साबित हो सकता है. इसमें शरीर में सबसे ज्यादा नुकसान त्वचा को होता है, जिसमें खुजली होना, रैशेज होना, इचिंग होना इस तरह की समस्याएं आ सकती हैं. कन्नौज में बनने वाला इत्र लगभग शुद्ध माना जाता है. क्योंकि इसका पैमाना कन्नौज की एफएफडीसी में ही होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 15:55 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें