नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने ड्रग स्मगलिंग रिकवरी मामले में बड़ा खुलासा किया है. इंटरनेशनल ड्रग स्मगलिंग रैकेट के पीछे स्लीपर सेल का हाथ होने की बात सामने आ रही है. पुलिस का दावा है कि ड्रग सिंडिकेट का स्लीपर सेल भी है. सूत्रों के मुताबिक, ड्रग रैकेट में अब तक भरत, हिमांशु, औरंगजेब, जस्सी, ए. सफी और अखलाक को गिरफ्तार किया गया है. इन आरोपियों को ड्रग सिंडिकेट का स्लीपर सेल माना जा रहा है. नशीले पदार्थों की बड़ी खेप का मूवमेंट होते ही ये लोग एक्टिव हो जाते थे. ड्रग कंसाइनमेंट के विदेश से भारत में आते ही ये सभी लॉजिस्टिक सपोर्ट देना शुरू करते थे. इन लोगों को ड्रग्स की बड़ी खेप को डेस्टिनेशन तक पहुंचाने का टास्क दिया जाता था.
स्पेशल सेल के 40 से ज्यादा ऑफिसर की टीम इस सिंडिकेट के पीछे थी. सूत्रों के मुताबिक, जब ड्रग्स की कोई भी खेप की मूवमेंट नहीं होती थी तो स्लीपर सेल के ये सभी मेंबर कोई न कोई ऐसा धंधा पकड़ लेते थे, जिससे उनकी असल पहचान न हो सके. इनमें से ए. सफी नाम का आरोपी कसाई का काम करता है और बाकी समय में पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का धंधा भी करता था. इसका उद्देश्य यह था कि लोगों को लगे कि वह छोटा-मोटा काम करता है और ड्रग माफिया से जुड़े होने का शक न हो. इसी तरफ हापुड़ से पकड़ा गया अखलाक भी सफी की मदद करने का काम करता था, जिसमें गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करके बाहर भेजता था. जब उन्हें बड़े कंसाइनमेंट की जानकारी मिलती थी तो ये सभी एक-दूसरे से कनेक्ट हो जाते थे. ये दोनों ड्रग की बड़ी कंसाइनमेंट के लिए स्लीपर सेल का काम करते थे.
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सात समंदर पार से जुड़ा कनेक्शन
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रमेश नगर इलाके से जिन 2 लोगों को पकड़ा था, उनसे पूछताछ की जा रही है. इन दोनों आरोपियों से UK (ब्रिटेन) के नागरिक के बारे में पूछताछ की जा रही है, जिसने 200 किलो ड्रग्स को रखा था. सूत्र बताते हैं कि ड्रग सिंडिकेट के सदस्य आपस में कोड वर्ड के जरिए डिलिवरी की बातचीत करते थे. पुरानी फिल्मों की तरह आधे फटे नोट और उनके नंबर से कंसाइनमेंट की डिलीवरी होती थी. कोड वर्ड में ही क्वांटिटी और लोकेशन की डिटेल छिपा होता था.
एक-दूसने से अंजान
जानकारी के अनुसार, कोकीन का कंसाइनमेंट दो बार में दिल्ली पहुंचा था. ड्रग कार्टेल के मेंबर कंसाइनमेंट आने पर हो एक्टिव हो जाते थे. कार्टेल के हर सदस्य का काम और हिस्सा विदेश में बैठा आका तय करता था. कोकीन को दोबारा से पैक करने की भी सूचना है. कार्टेल के लोग आपस में बात करने के लिए पेड ऐप का इस्तेमाल करते थे. आरोपी तुषार ने दो बार में दिल्ली एनसीआर से डिलीवरी लिया था. जानबूझकर अपने महिपालपुर के गोदाम पर कोकीन छिपाई थी. खास बात यह है कि कार्टेल के ज्यादातर सदस्य आपस मे एक-दूसरे से अंजान थे.
Tags: Crime News, Delhi news, Delhi police, Drug Smuggling
FIRST PUBLISHED : October 11, 2024, 16:17 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें