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नई दिल्ली. सिल्वर स्क्रीन पर बाल कलाकार के रूप में शुरुआत करने वाले कई लोग बाद में मशहूर अभिनेता, अभिनेत्री या चरित्र कलाकार बन जाते हैं. तमिल सिनेमा में सफलता पाने के लिए प्रतिभा के साथ-साथ किस्मत भी जरूरी होती है, यह बात नकारा नहीं जा सकता. कई लोग सोचते हैं कि अगर एक बार फिल्म में मौका मिल जाए, तो वे सेलिब्रिटी बन सकते हैं. लेकिन फिल्मी दुनिया उतनी ग्लैमरस नहीं है, जितनी लोग सोचते हैं. कुछ अभिनेताओं की जिंदगी में कई दर्दनाक कहानियां छिपी होती हैं. आज हम जिस एक्ट्रेस की बात करने जा रहे हैं, वह अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर थीं. कई बड़े स्टार्स उनके साथ काम करने के लिए बेताब थे. लेकिन उनकी जिंदगी में किस्मत ने ऐसा खेल खेला कि उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कौन हैं ये मशहूर अभिनेत्री और उनकी जिंदगी के अनकहे पहलू क्या हैं?
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ये कोई और नहीं बल्कि प्रसिद्ध कॉमेडियन कृष्णमूर्ति और कर्नाटक संगीत गायिका एम.एल. वसंत कुमारी की बेटी श्रीविद्या हैं. श्रीविद्या के जन्म के एक साल बाद ही उनके पिता कृष्णमूर्ति एक दुर्घटना के कारण बीमार हो गए. इसके बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उनकी मां एम.एल. वसंत कुमारी पर आ गई. आर्थिक तंगी के कारण श्रीविद्या ने 14 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखा.
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श्रीविद्या ने अभिनेता शिवाजी गणेशन के साथ 'तिरुवरुत्चेलवन' फिल्म से तमिल सिनेमा में डेब्यू किया. इसके बाद 'पेट्टारासी पेतम्मा' फिल्म से तेलुगु सिनेमा में भी कदम रखा. उनकी बेहतरीन अभिनय, शानदार नृत्य और आकर्षक सुंदरता के कारण उन्हें कई फिल्में मिलने लगीं. निर्देशक दासरी नारायण राव के प्रोत्साहन से उन्हें और भी फिल्में मिलीं.
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तमिल सिनेमा के मशहूर निर्देशक के. बालाचंदर की फिल्म 'अपूर्व रागंगल' में श्रीविद्या ने रजनीकांत और कमल हासन के साथ काम किया. यह फिल्म बहुत सफल रही और इसका तेलुगु में भी रीमेक बना. दोनों भाषाओं में श्रीविद्या ने ही मुख्य भूमिका निभाई.
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उस समय श्रीविद्या और कमल हासन ने कई फिल्मों में साथ काम किया. रील लाइफ के साथ-साथ रियल लाइफ में भी दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे.लेकिन श्रीविद्या की मां ने उनके विवाह के लिए सहमति नहीं दी, जिससे दोनों का रिश्ता टूट गया.
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इसके बाद, श्रीविद्या मलयालम निर्देशक जॉर्ज थॉमस से मिलीं. एक्ट्रेस जल्द ही जॉर्ज से शादी करना चाहती थीं लेकिन उन्होंने धर्म परिवर्तन की शर्त रख दी. परिवारवालों ने इस फैसले का विरोध किया, लेकिन श्रीविद्या नहीं मानीं और उन्होंने जॉर्ज से धर्म बदलकर 1978 में शादी कर ली. शादी के बाद उन्होंने अपने पति की इच्छा के अनुसार फिल्मी करियर से दूरी बना ली. लेकिन शादी के बाद उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मच गई. जॉर्ज ने उनकी संपत्ति पर कब्जा करके घर से बाहर निकाल दिया. 1980 में श्रीविद्या ने जॉर्ज से तलाक ले लिया. आर्थिक तंगी के कारण उन्हें फिर से फिल्मों में लौटना पड़ा.
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उन्होंने अपनी संपत्ति वापस पाने के लिए हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी. इसके बाद श्रीविद्या ने अपने फिल्मी करियर का दूसरा चरण शुरू किया और तमिल, तेलुगु, मलयालम फिल्मों में करेक्टर रोल्स किए. लेकिन किस्मत ने फिर भी उनका साथ नहीं दिया. 2003 में उन्हें ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ. अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में उन्होंने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया.
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उन्होंने अपनी कमाई से जमा की गई संपत्ति को संगीत और नृत्य कॉलेज के गरीब छात्रों की मदद के लिए दान कर दिया. एक्टर गणेश की मदद से उन्होंने एक ट्रस्ट की स्थापना की. 19 अक्टूबर 2006 को श्रीविद्या की मौत हो गई.