Oral Cancer in India: जिस तरह से भारत को डायबिटीज कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है उसी तरह से अब भारत को कैंसर कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है. लेंसेट ऑन्कोलॉजी जर्नल की हालिया रिपोर्ट इसकी पुष्टि भी करता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण मध्य एशिया में 2022 में ओरल कैंसर के 1.20 लाख मामले सामने आए जिनमें अकेले भारत में 83,400 मामले हैं. विश्व में ओरल कैंसर के 3.77 लाख मामले 2022 सामने आए हैं. रिपोर्ट में दक्षिण मध्य एशिया में भारत की इस भयावह सच को जगजाहिर किया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्मोकलेस तंबाकू का चलन अब भी सबसे ज्यादा है जिसकी वजह से ओलर कैंसर या गले या मुंह का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है.
भारत में ओरल कैंसर के प्रमुख कारण
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ओरल कैंसर कैंसर के मामले इसलिए सबसे ज्यादा आ रहे हैं क्योंकि यहां मुंह के कैंसर को जन्म देने वाले कई चीजों का सेवन सबसे ज्यादा होता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्मोकलेस तंबाकू यानी पान, गुटखा, खैनी, सुपारी का सेवन सबसे ज्यादा होता है. कैंसर सर्विलांस ब्रांच के वैज्ञानिक डॉ. हैरिएट रूमगेह का कहना ह कि स्मोकलेस तंबाकू के कई रूप हैं लेकिन भारत में जिस तरह से इसका इस्तेमाल किया जाता है उससे कई बीमारियों के साथ कैंसर की सबसे बड़ी वजह है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में कुल ओरल कैंसर का 35 प्रतिशत ओरल कैंसर स्मोकलेस तंबाकू और सुपारी के कारण होता है.
ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षण
मायो क्लीनिक के मुताबिक ओरल कैंसर में मुख्य रूप से मुंह के अंदर के भाग, गला, गाल या कान के आसपास लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें होठ या मुंह में छाले या घाव होने लगते है जो दवा से ठीक नहीं होती. मुंह के अंदर गालों की सतह पर लाल रंग के पैचेज बनने लगते है. इन सबके कारण दांत ढीले हो जाते हैं. मुंह के अंदर के किसी हिस्सों में गांठ बनने लगता है जो धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है. ओरल कैंसर होने पर मुंह और कान में दर्द होने लगता है और कुछ भी निगलने में कठिनाई होने लगती है. ये सारे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
किन लोगों को है ओरल कैंसर का ज्यादा खतरा
जैसा कि उपर कहा गया है कि स्मोकलेस तंबाकू ओलर कैंसर की बहुत बड़ी वजह है. तंबाकू या तंबाकू से संबंधित किसी भी चीजों का सेवन किसी भी तरह से करने वाले को ओरल कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा है. करीब 35 प्रतिशत ओरल कैंसर के मामले तंबाकू और सुपारी के कारण ही होता है. जो लोग गुटखा खाते हैं, उनमें ओरल कैंसर की प्रबल आशंका होती है. इन सबके अलावा सिगरेट पीने वालों, सिगार या पाइप पीने वालों, तंबाकू चबाने वाले को इसका खतरा ज्यादा है. वहीं अगर होंठ में ज्यादा सूरज की रोशनी लगती है तो भी ओरल कैंसर हो सकता है. इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी और एचपीवी वायरस भी ओरल कैंसर का कारण हो सकता है इसलिए इन चीजों से सतर्क रहना चाहिए.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 12:41 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें