October 4, 2024
Nyaaya News
Filter by Categories
Astro
Business
Crime
Earn Money
Editor's Picks
Education and Career
Entrainment
Epaper
Fashion
Fitness
Football
India
International
Life Style
Politics
Sport
Stars
Tech
Travel
Uncategorized
Viral
Image default
Fitness

ऑटोइम्यून बीमारी है सोरायसिस, चिकित्सक जानें उपचार का तरीका

देहरादून. सोरायसिस (Psoriasis) एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) त्वचा रोग है, जिसमें त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती है. जिससे त्वचा पर मोटे, लाल धब्बे और सफेद रंग जैसी पपड़ीदार परतें बन जाती है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ त्वचा की कोशिकाओं पर हमला करने लगती है. सोरायसिस के मुख्य कारणों में जेनेटिक फैक्टर, प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी, तनाव, संक्रमण, मौसम में बदलाव और त्वचा की चोटें शामिल हो सकती है. यह रोग संक्रामक नहीं होता है, इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है.

ऑटोइम्यून बीमारी है सोरायसिस

सोरायसिस का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है. इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ त्वचा की कोशिकाओं पर गलती से हमला करता है, जिससे त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती है. आनुवांशिकता (जेनेटिक फैक्टर) भी एक मुख्य कारण हो सकता है. इसके अलावा, तनाव, त्वचा में चोट, संक्रमण, धूम्रपान, शराब और ठंडा मौसम जैसे कारक इसके लक्षणों को बढ़ा सकते हैं. देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश प्रकाश राणा ने लोकल 18 को बताया कि कई मामलों में देखा गया कि यह बीमारी स्वत: ठीक हो जाती है. लेकिन, कई बार ये बहुत बढ़ जाती है.

तनाव के कारण भी बढ़ता है सोरायसिस

सोरायसिस के उपायों पर चर्चा करते हुए डॉ. नरेश प्रकाश राणा ने लोकल 18 को बताया कि सबसे पहले त्वचा संबंधित डॉक्टर से सलाह लें और उनके अनुसार इसका उपचार करें. सबसे बड़ी बात है कि इस बीमारी के दौरान आपको तनाव नहीं लेना है, क्योंकि तनाव इसको ज्यादा बढ़ाने में सहायक होता है. सोरायसिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है. लेकिन, इसके लक्षणों को क्रीम, दवाओं, और फोटोकैमोथेरेपी जैसे उपचारों से नियंत्रित किया जा सकता है. गौर करने वाली बात यह है कि मौसम के बदलने या तनाव होने पर इसके बढ़ने की संभावना होती है.

सोरायसिस के प्रमुख लक्षण

लाल धब्बे और पपड़ीदार परतें: त्वचा पर लाल धब्बों पर चांदी जैसी पपड़ी बन जाती है.

खुजली और जलन: त्वचा में खुजली, जलन और कभी-कभी दर्द भी हो सकता है.

सूखी और फटी त्वचा: त्वचा फट सकती है और उसमें से खून आ सकता है.

नाखूनों में असामान्यताएं: नाखून मोटे हो सकते हैं, टूट सकते हैं या उनके रंग में बदलाव हो सकता है.

Tags: Dehradun news, Health tips, Local18, Uttrakhand ki news

FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 14:55 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

Related posts

खर्राटे लेने वालों पर झुंझलाएं नहीं, इन लोगों को कभी भी आ सकता है हार्ट अटैक

nyaayaadmin

किस जगह के बच्चे सबसे ज्यादा हेल्दी? इन 3 चीजों में पिछड़े अमीर देशों के किड्स

nyaayaadmin

OMG! ये है शरीर को फौलादी बना देने वाली औषधि, नोट करें नाम और उपयोग का तरीका

nyaayaadmin