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आलिया भट्ट-अनुष्का ने क्‍यों छोड़ा गाय-‍भैंस का दूध?

Dairy Milk Vs Plant-Based Milk: बच्चा जब पैदा होता है, तब उसे सबसे पहले मां का दूध पिलाया जाता है. दूध इसलिए ताकि उसकी इम्यूनिटी बढ़े. कुछ साल मां के दूध के बाद बच्चे को गाय-भैंस जैसे जानवरों का दूध पिलाया जाता है. दूध हर उम्र का व्यक्ति किसी ना किसी तरीके से पीता है. लेकिन जब से लोगों के बीच वीगन डाइट पॉपुलर हुई है, तब से प्लांट मिल्क की बिक्री बढ़ी है. लोग अक्सर इस दुविधा में रहते हैं कि जानवरों का दूध फायदेमंद है या फिर प्लांट मिल्क.

गाय-भैंस का दूध कई बीमारियों के लिए रामबाण
इंसानों की तरह हर मादा जानवर में प्राकृतिक रूप से दूध बनता है. दुनिया के अलग-अलग देशों में वहां के वातावरण और मौजूद जानवरों के हिसाब से दूध पिया जाता है. दुनिया में गाय, भैंस के अलावा ऊंटनी, बकरी, घोड़ी, गधी और भेड़ का दूध भी निकाला जाता है. हर जानवर के दूध के अपने अलग फायदे हैं. जैसे गाय का दूध इम्यूनिटी को बूस्ट करता है, हड्डी मजबूत बनाता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है. भैं का दूध दिमाग तेज बनाता है. घोड़ी का दूध शरीर को डिटॉक्स करता है. गधी का दूध त्वचा को चमकदार बनाता है, थकान दूर करता है और पेट के इंफेक्शन से राहत देता है. ऊंटनी का दूध कैंसर, डायबिटीज और दिल के रोगों को दूर करता है. वहीं बकरी का दूध कोलेस्ट्रॉल कम करने के साथ ही डेंगू, टीबी, अस्थमा जैसी बीमारियों में फायदा पहुंचाता है.

पौधों से कैसे निकलता है दूध
प्लांट बेस्ड मिल्क पौधों से बनता है. इसकी 5 कैटेगरी है. कुछ प्लांट बेस्ड मिल्क अनाज से बनते हैं जैसे ओट्स, चावल, कॉर्न, स्पेल्ट. कुछ दूध लैग्यूम जैसे सोया, मूंगफली से बनते हैं. कुछ दूध नट्स जैसे नारियल, बादाम, हेजलनट, पिस्ते और अखरोट से तैयार होता है. वहीं तिल, अलसी और सूरजमुखी के बीजों से भी दूध बनता है. क्विनोआ, ऐमारैंथ और बकव्हीट से भी प्लांट मिल्क बनता है. यह नेचुरल दूध नहीं होता. पौधों से मिलने वाले अनाज, नट्स या बीजों को पहले भिगोया जाता है, फिर उन्हें पीसकर पानी, चीनी, सोडियम समेत कई चीजों के साथ मिक्स किया जाता है. प्लांट बेस्ड मिल्क घर पर भी बहुत आसानी से तैयार किया जा सकता है.

पौधों से बना दूध वजन को नियंत्रित रखता है. (Image-Canva)

किसानों और चरवाहों ने सबसे पहले पिया दूध
इंसानों का जानवरों के दूध से करीब 10 हजार साल पहले नाता जुड़ा. बीबीसी के एक लेख के अनुसार पश्चिम यूरोप में किसानों और चरवाहों ने सबसे पहले जानवरों का दूध पीना शुरू किया था. स्टेटिस्टा की रिसर्च के अनुसार 37% भारतीय घरों में एक दिन में डेढ़ से 2 लीटर दूध की खपत होती है. वहीं साइंस डायरेक्ट वेबसाइट के अनुसार भारत में एक दिन में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम दूध पीता है.

सेलेब्स ने प्लांट मिल्क को बनाया पॉपुलर
हॉलीवुड के साथ ही बॉलीवुड सेलिब्रिटी वीगन डाइट को अपना रहे हैं. अधिकतर एक्टर और एक्ट्रेसेज इस बात को कबूल कर चुके हैं कि वह वेजिटेरियन बन चुके हैं और दूध भी प्लांट बेस्ड पीते हैं. सारा अली खान को जहां बादाम मिल्क पसंद है, वहीं आलिया भट्ट कोकोनट मिल्क पीती हैं. एक इंटरव्यू में अनुष्का शर्मा ने बताया कि वह घर पर ही बादाम का दूध तैयार करती हैं. जॉन अब्राहम भी अपने कई इंटरव्यूज में इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि वह जानवरों के दूध और उनसे बनी चीजों से दूर रहते हैं.

नॉन डेयरी मिल्क में कम कैलोरीज!
लैंसेट स्टडी की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 70% आबादी ओवरवेट है. मोटापे के मामले में भारत दुनिया में तीसरे पायदान पर है. पहले नंबर पर अमेरिका और उसके बाद चीन आता है. जब से यह बीमारी तेजी से फैली है, लोग अपनी सेहत को लेकर जागरूक हुए हैं. वजन कम करने की चाहत ने लोगों को रोज की कैलोरी गिनने पर इतना मजबूर कर दिया है कि अब वह दूध भी कैलोरीज के हिसाब से पीते हैं. जानवरों के दूध के मुकाबले प्लांट बेस्ड मिल्क में कम कैलोरीज होती हैं. डेयरी डॉट कॉम के अनुसार 100 ग्राम गाय के फुल क्रीम दूध में 281 कैलोरी होती हैं. जबकि 100 ग्राम बादाम के दूध में 143, ओट मिल्क में 222 और सोया मिल्क में 113 कैलोरीज पाई जाती हैं.

मां के दूध के बाद सबसे ज्यादा लैक्टोज गाय और भैंस के दूध में पाया जाता है. (Image-Canva)

बच्चों के विकास के लिए जरूरी जानवरों का दूध
न्यूट्रिशनिस्ट सतनाम कौर कहती हैं कि कई लोग मानते हैं कि प्लांट मिल्क डेयरी मिल्क से ज्यादा हेल्दी होता है जबकि ऐसा नहीं है. एक कप गाय के दूध में 8 ग्राम प्रोटीन होता है जबकि ओट्स मिल्क में 2 ग्राम और बादाम के दूध में 1 ग्राम. वहीं प्लांट बेस्ड मिल्क में सोडियम और शुगर को मिलाया जाता है जिससे सेहत खराब होती है. बच्चों को हमेशा गाय या भैंस का दूध ही पिलाना चाहिए क्योंकि प्लांट बेस्ड मिल्क में कैल्शियम नहीं होता और बच्चों के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है.

दिल के मरीजों के लिए अच्छा है प्लांट मिल्क
अमेरिका की नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार प्लांट बेस्ड दूध दिल की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए फायदेमंद है. इस दूध में फैट नहीं होता. जिन लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत है, उन्हें अपनी डाइट में प्लांट मिल्क को ही शामिल करना चाहिए.

लैक्टोज इनटॉलरेंस हो तो ना पीएं जानवरों का दूध
न्यूट्रिशनिस्ट सतनाम कौर कहती हैं कि कुछ लोगों को गाय या किसी भी जानवर के दूध या दूध से बनी चीजों को खाते ही पेट में दर्द, गैस, ब्लोटिंग या उल्टी जैसी परेशानी होती है. ऐसे लोगों का शरीर दूध को पचाने में सक्षम नहीं होता. जब भी दूध पिया जाता है तो उसमें मिठास आती है. यह मिठास लैक्टोज की वजह से होती है क्योंकि यह एक प्रकार की चीनी होती है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इंसानों की छोटी आंत में लैक्टेज नाम का एंजाइम बनता है जो दूध में मौजूद लैक्टोज को पचाता है. नवजात शिशु में यह एंजाइम अच्छी मात्रा में होता है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ कुछ लोगों में कई बार यह एंजाइम एक्टिव नहीं रह पाता जिससे लोग लैक्टोज इनटॉलरेंस से जूझने लगते हैं. बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और एक्ट्रेस कियारा आडवाणी भी लैक्टोज इनटॉलरेंस का शिकार हैं.

Tags: Camel milk, Health, Lifestyle, Trending new

FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 16:45 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें

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