काजल मनोहर/जयपुर:- छोटा सा दिखने वाला एलोवेरा का पौधा दुनिया का सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटियों वाला पौधा माना जाता है. इस पौधे में बड़े कमाल के औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसका उपयोग सदियों से स्वास्थ्य, सौंदर्य और औषधि गुणों के रूप में होता रहा है. रिसर्च के अनुसार इस पौधे में भरपूर मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्साडेंट गुण पाए जाते हैं. यह पौधा गंजेपन को भी दूर करने की ताकत रखता है. इसे आसानी से कहीं भी उगाया जा सकता है. वर्तमान दौर में इस पौधे की सबसे ज्यादा मांग है. इसे ग्वारपाठा और घृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है.
एलोवेरा के औषधीय गुण
एलोवेरा में अनेकों शक्तिशाली तत्व पाए जाते हैं, जो मानव शरीर को स्वास्थ्यवर्धक लाभ प्रदान करते हैं. एलोवेरा की फलियों से निकलने वाले जेल से अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां व कॉस्मेटिक आइटम्स बनाए जाते हैं. इसके पत्ते, झड़, फूल और फलिया, सभी आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के काम आते हैं.
(1).एलोवेरा रखें त्वचा को स्वस्थ:- आयुर्वैदिक डॉक्टर किशन लाल ने लोकल18 को बताया कि एलोवेरा में कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा को कई बीमारियों से बचाता है. एलोवेरा का रस त्वचा में पानी की कमी भी दूर करता है. सच में एलोवेरा त्वचा के लिए खास औषधीय पौधा है.
(2). एलोवेरा से करें मुंह की बदबू दूर:- एलोवेरा में विटामिन-सी के साथ कई सक्रिय प्राकृतिक घटक पाए जाते हैं, जो मुंह में प्लाक बनाने से रोकते हैं. इसके परिणामस्वरुप मुंह में दुर्गंध नहीं हो पाती है. इसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक टूथपेस्ट बनाने में भी किया जाता है.
(3). डायबिटीज कम करने में सहायक:- रोजाना दो चम्मच ऐलोवेरा के रस का सेवन करने से रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है. आयुर्वेद में इसे डायबिटीज से ग्रसित लोगों में सबसे प्रभावी औषधि माना जाता है.
(4). सूजन में एलोवेरा का उपयोग:- एलोवेरा शरीर में सूजन की समस्या से परेशान है. इसकी फलियों को घाव पर लगाने से काफी फायदा मिलता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन कम करने में सहायक है.
(5).शरीर को करता है डिटॉक्स:- खाली पेट एलोवेरा जूस पीने से शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है. यह प्राकृतिक तरीके से पेट की सफाई भी करता है और लीवर को भी साफ रखता है. वहीं पेट के कचरे को बाहर निकलने में काफी सहायक है.
(6).मुंह के छाले को ठीक करता है:- आयुर्वेद में एलोवेरा के कई गुण बताए गए हैं. आयुर्वेद के अनुसार मुंह के छालों पर दिन में कई बार एलोवेरा रस लगाने से काफी फायदा मिलता है.
जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में भरपूर मात्रा में होती है खेती
देश के सभी हिस्सों में एलोवेरा की खेती आसानी से की जा सकती है. जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में भी एलोवेरा की खेती पर्याप्त मात्रा में होती है. इसे सूखी जमीन पर कहीं भी उगाया जा सकता है. एलोवेरा की खेती में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है.
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एलोवेरा का उपयोग कैसे करें
एलोवेरा का सेवन के तरीकों से किया जाता रहा है. एलोवेरा पौधे के बड़े-बड़े पत्ते होते हैं. इसमें निकलने वाला विशेष गड़ा रस जेल का उपयोग किया जाता है.
1. दो से तीन चम्मच ऐलोवेरा का रस खाली पेट लेना चाहिए.
2. आधा कप गर्म पानी में दो चम्मच ऐलोवेरा का रस लीजिए.
3. दो चम्मच ऐलोवेरा को आधा चम्मच शहद में नींबू के साथ लीजिए.
3. राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी फलियां की सब्जी भी बनाई जाती है.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 12:40 ISTNews18 India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.